चंडीगढ़। हरियाणा में किसानों को लुभाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा दांव लगाया है। सरकार ने 3 लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण देने की योजना बनाई है, यह बताया जा रहा है कि यह संभवत: अपनी तरह की पहली योजना है। दावा किया जा रहा है कि इससे किसानों पर ब्याज का बोझ नहीं पड़ेगा। उन्हें खेती करने में ज्यादा आसानी होगी।
राज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल के अनुसार, बैंकों से 7 प्रतिशत ब्याज पर ऋण लेने के बावजूद, सरकार इसे शून्य प्रतिशत पर उपलब्ध कराएगी। उन्होंने यह भी बताया कि बैंकों से सीधे फसल ऋण लेने के बजाय, आपदा निधि योजना तैयार करने के बारे में चर्चा होती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दलाल ने कहा कि 3 प्रतिशत केंद्र सरकार और 4 प्रतिशत मनोहर लाल सरकार 7 प्रतिशत ब्याज दर के फसली ऋण को वहन करेगी। इस तरह किसान को केवल शून्य प्रतिशत पर फसल ऋण दिया जाएगा। देश के किसी भी राज्य में कृषि ऋण 4 प्रतिशत से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने 17,000 किसान मित्र रखने का फैसला किया है, जो किसानों को स्वयंसेवकों के रूप में सलाह देंगे कि किसानों को उनकी भूमि की उपयोगिता और आय के अनुसार कैसे वित्त दें। हाल ही में घोषित आत्मनिर्भर भारत के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में, एक लाख करोड़ रुपये कृषि बुनियादी ढांचे के लिए रखे गए हैं, जिनमें से 3900 करोड़ रुपये हरियाणा के लिए रखे गए हैं। इस धन से वेयरहाउस, कृषि आधारित उद्योग और अन्य बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद मिलेगी। इसके लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं।