चंडीगढ़। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर प्रस्तावित विद्युत संशोधन विधेयक को अस्वीकृत करने का अनुरोध किया है। एआईपीईएफ के प्रवक्ता विनोद गुप्ता के आज यहां जारी बयान के अनुसार केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कल सभी प्रदेशों के ऊर्जा मंत्रियों की एक वर्चुअल बैठक बुलाई है विधेयक पर चर्चा के लिए और चर्चा के लिए केवल आधे घंटे का समय दिया गया है।
गुप्ता के अनुसार ऊर्जा मंत्रालय के जारी स्पष्टीकरण से विभिन्न हितधारकों की इन आशंकाओं को बल ही मिलता है कि केंद्र सरकार बिजली क्षेत्र में निजी निवेश के लिए राज्यों की ताकत व भूमिका को कमजोर करना चाहती है। एआईपीईएफ के अनुसार राज्यों को यह तय करने का अधिकार है कि किस वर्ग को सब्सिडी दी जाए और केंद्र की तरफ से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की प्रणाली राज्यों पर नहीं थोपनी चाहिए।
एआईपीईएफ ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र की मंशा बिजली की दरें तय करने में हस्तक्षेप के साथ बिजली वितरण कंपनियों को निजी उत्पादकों से महंगी बिजली खरीदने पर मजबूर करना है। एआईपीईएफ ने कहा कि संशोधन को ऊर्जा स्थायी समिति के पास भेजना चाहिए जो सभी हितधारकों को समिति के समक्ष अपना पक्ष लिखित व मौखिक स्वरूप में रखने का पर्याप्त अवसर दे।