29 Mar 2024, 13:25:43 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

भारत की Paytm समेत इन कंपनियों में लगा है चीन का 32 हजार करोड़ रुपये

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 30 2020 1:15PM | Updated Date: Jun 30 2020 1:17PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। भारतीय स्टार्टअप्स में चीनी कंपनियों का बड़ा निवेश है। डेटा और एनालिटिक्स फर्म के आंकड़ों के अनुसार, चार साल में भारतीय स्टार्टअप में चीन के इन्वेस्टमेंट में 12 गुना की वृद्धि हुई। 2016 में इन स्टार्टअप में चीन की कंपनियों का निवेश 381 मिलियन अमोरिकी डॉलर था जो 2019 में बढ़कर 4.6 बिलियन डॉलर हो गया।

भारत की इन कंपनियों में चीन का बड़ा निवेश-भारत की कई कंपनियों में चीन का निवेश है जिनमें से स्नैपडील, स्विगी, उड़ान, जोमैटो, बिग बास्केट, बायजू, डेलहीवेरी, फ्लिपकार्ट, हाइक, मेकमायट्रिप, ओला, ओयो, पेटीएम, पेटीएम मॉल, पालिसी बाजार प्रमुख हैं। ग्लोबलडाटा ने कहा कि भारत में 24 भारतीय स्टार्टअप्स में से 17 स्टार्टअप में चीन की अलीबाबा और टेंसेंट जैसी कम्पनियां कॉरपोरेट निवेश कर रही हैं। 

अलीबाबा और सहयोगी कंपनी ने पेटीएम, स्नैपडील, बिगबास्केट व जोमैटो में 2.6 बिलियन डॉलर लगाया है। जबकि Tencent ने अन्य के साथ पांच यूनिकार्न जैसे ओला, स्विगी, हाइक, ड्रीम 11 और बायजू में 2.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है। ये स्टार्टअप एक अरब डॉलर या उससे अधिक बाजार मूल्य वाले हैं। 

भारतीय बाजार में तेजी से की बढ़ोतरी-ग्लोबलडाटा के प्रमुख प्रौद्योगिकी विश्लेषक, किरण राज ने कहा कि पिछले साल में चीन के साथ तनाव की स्थिति न होने के कारण चीन ने भारतीय बाजार में कम समय में बहुत ज्यादा वृद्धि की और भारतीय टेक स्टार्ट-अप्स पर काफी दांव लगाए जो उसके लिए काफी फायदेमंद भी साबित हुआ। एक अरब डालर से अधिक मूल्य वाली 30 में से 18 स्टार्टअप्स कंपनियों में चीन की प्रमुख हिस्सेदारी है। देश के स्टार्टअप में निवेश करने वाली चीन के अन्य प्रमुख निवेशकों में मेटुआन-डाइनपिंग, दिदी चुक्सिंग, फोसुन, शुनवेई कैपिटल, हिलहाउस कैपिटल ग्रुप और चीन-यूरेसिया एकोनॉमिक को-ओपरेशन फंड शामिल हैं।

भारत में FDI के नियमों को किया कड़ा : हाल ही में भारत चीन सीमा तनाव के चलते और भारत में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के नियमों को और कड़ा किये जाने से चीनी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार में निवेश में थोड़ी दिक्कते आने लगी हैं।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »