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सिफेट ने किया फल-सब्जी शुद्धिकरण यंत्र का निर्माण

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 8 2020 7:11PM | Updated Date: Jun 8 2020 7:11PM
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नई दिल्ली। केन्द्रीय फसल कटाई उपरांत अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (सिफेट) लुधियाना ने करोना संकट और उसके बाद की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर घरों में फलों तथा सब्जियों को कीटनाशकों एवं संक्रमणो से मुक्त करने के लिए ओजोन आधारित एक यंत्र का विकास कर लिया है। संस्थान के निदेशक आर के सिंह की प्रेरणा से विकसित यह उपकरण ओजोन प्रौद्योगिकी पर काम करता है जिसमें एक उत्कृष्ट ओजोनेटर लगा है। यह फलों एवं सब्जियों के ऊपरी सतह पर लगे कीटनाशकों , जीवाणु , विषाणु और हानिकारक रसायनों के प्रभाव को समाप्त करता है। इतना ही नहीं यह समुद्री खाद्य उत्पाद और मांस से भी ऐसे तत्वों को समाप्त कर उसे शुद्ध करता है। 
 
सिफेट ने कही भी लाने ले जाने योग्य कम कीमत के 'ओजो -सी' यंत्र को तैयार कर लिया है जो फलों एवं सब्जियों को धोने के साथ ही जहरीले तत्वों से मुक्त करता है। कोविड-19 काल में लोगों को घरों में लाये जाने वाले फलों एवं सब्जियों में संक्रमण का खतरा सता रहा है, जिसे ध्यान में रखकर विशेष तौर पर इस उपकरण का विकास किया गया है। बाजार से लाये जाने वाले खाद्य सामग्री की सुरक्षा को सुनिश्चित करने को ध्यान में रखकर वैज्ञानिक सोच पर आधारित इस उपयुक्त यंत्र को तैयार किया गया है।  
 
डॉ. सिंह ने बताया कि विशेषकर कोरोना संक्रमण काल में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले इस कम्पैक्ट उपकरण को प्रत्येक घर की रसोई घर, होटल, लघु फल-सब्जी प्रसंस्करण संस्थान तथा छोटे मोटे विक्रेता के यहां रखा जा सकता है जहां यह संक्रमण के खतरे को कम से कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस बेहद आकर्षक उपकरण को डॉ. सिंह के निर्देशन में संस्थान के वैज्ञानिक रणजीत सिंह, के नरसैया और सूर्य तुषीर की टीम ने विकसित किया है। 
 
यह यंत्र मूक 'उत्सर्जन पद्धति' पर कार्य करता है। यह यंत्र विद्युत उत्सर्जन के माध्यम से सामान्य आक्सीजन अणु को विखंडित कर ओजोन में बदलता है। यह अणु फिर हवा में मिलकर ओजोन बनाता है। इस उपकरण का निर्माण करीब 3500 रुपये की लागत से किया गया है और उपयोग के लिए संस्थान में इसका सफलतापूवर्क प्रदर्शन भी किया गया है। इसमें पीवीसी बाक्स, एयर ब्लोअर, ओजोन जेनरेटर, ओजोन हवा वितरण प्रणाली, टाईमर और कुछ अन्य उपकरण लगे हैं। 
 
वैज्ञानिकों के अनुसार पहले कन्टेनर में फलों और सब्जियों को डाला जाता है और उसकी सफाई के लिए इसे पानी से लबालब भर दिया जाता है। कन्टेनर में एयर स्टोन के साथ सिलिकोन ट्यूब को डूबाया जाता है। इसके बाद इस मशीन के परिचालन का समय निर्धारित कर दिया जाता है और बिजली से इसे चालू कर दिया जाता है। निर्धारित समय के बाद मशीन बंद हो जाती है । इसके बाद प्रदूषित जल को निकाल लिया जाता है तथा फलों एवं सब्जियों को ताजे पानी से धो दिया जाता है। इसके बाद इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस मशीन का वजन एक किलो आठ सौ ग्राम है और यह सिंगल फेज बिजली से चलता है। 
 
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