नई दिल्ली। वर्ष 2020-21 में अनाज की रिकार्ड पैदावार के अनुमान, बाजार में लगातार आपूर्ति और कोरोना महामारी से मांग में कमी के कारण वैश्विक स्तर पर खाद्यन्न की कीमतें मई माह में 17 महीने के निचले स्तर पर दर्ज की गयी है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन ने गुरूवार को रोम में वर्ष 2020-21 में खाद्यन्न की खपत और पैदावार के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी। संगठन का कहना है कि वैश्विक खाद्य पदार्थ मूल्य सूचकांक में लगतार चौथे माह गिरावट हुई है।
कोविड -19 महामारी के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न की मजबूत आपूर्ति बनी हुई है जबकि मांग में निरंतर कमजोर हो रही है। आंकड़ों के अनुसार मई में खाद्यन्न मूल्य सूचकांक पिछले महीने की तुलना में 1.9 प्रतिशत गिरा है और दिसंबर 2018 के बाद से न्यूनतम स्तर पर है। मई 2020 में डेयरी उत्पाद मूल्य सूचकांक अप्रैल 2020 की तुलना में 7.3 प्रतिशत नीचे आया है। इस माह में डेयरी उत्पादों की मांग कम रही है और मई 2019 के मुकाबले 19.6 प्रतिशत कम है।
सूखे दूध की मांग में मामूली गिरावट आयी है। भारत और थाईलैड में गन्ने की बुआई कम होने की अटकलों के कारण चीनी मूल्य सूचकांक में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है। दोनों देशों की चीनी के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका है। बासमती और जेपोनिका चावल की मांग आने के कारण मई में चावल के मूल्य सूचकांक में 1.0 प्रतिशत कमी आयी है।
पैदावार बढ़ने के अनुमान के कारण गेंहू के बाजार में आपूर्ति बढ़ गयी है और इसके दामों में गिरावट का रुख है। अमेरिकी मक्का की आपूर्ति होने से इसके दाम मई 2019 की तुलना में 16 प्रतिशत नीचे हैं। इसके प्रभाव से अन्य मोटे अनाज के दाम भी घट रहे हैं। वनस्पति तेल के दाम भी 2.8 प्रतिशत गिरकर 10 माह के न्यूनतम स्तर पर हैं।