नई दिल्ली। EPFO अब EPF खाते की रकम का 75% या 3 महीने की सैलरी निकालने की परमिशन देगा, इसका फायदा करीब 20 पर्सेंट अस्थायी कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन ने दावा किया है, करीब 33 लाख अस्थायी कर्मचारियों में से 20 पर्सेंट कर्मचारी प्रॉविडेंट फंड खाते से पैसे निकालने के विकल्प का लाभ नहीं उठा पाएंगे क्योंकि इन लोगों के खाते में पिछले छह महीनों से पैसे नहीं डाले गए हैं। ऐसा UAN-आधार के मिलान में दिक्कतों के चलते हुआ है।
क्या कहा था FM ने- वैश्विक महामारी कोरोना से पैदा हुए आर्थिक संकट को देखते हुए सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया है। पैकेज का ऐलान करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था कि कर्मचारी अपने पीएफ खाते में जमा राशि का 75 पर्सेंट या अधिकतम तीन महीने की सैलरी निकाल सकते हैं।
बिना आधार लिंक के UAN की अपील- स्टाफिंग फेडरेशन ने सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर सुनील बर्तवाल को एक लेटर लिखा है। इसमें उनसे कुछ समय के लिए बिना आधार लिंक के यूएएन नंबर जेनरेट करने की छूट देने की अपील की है। जिससे खाताधारक पैसे निकाल सकें। इसके अलावा संगठन ने उन खाताधारकों को भी ऑनलाइन निकासी की इजाजत देने को कहा है, जिनके खाते आधार से लिंक नहीं हैं। लेटर में कहा गया है, 'कुछ समय के लिए इसकी जगह किसी और डॉक्युमेंट प्रूफ पर विचार किया जा सकता है।' ईटी ने इस लेटर को देखा है।
6.6 लाख अस्थायी कर्मियों पर ज्यादा असर- करीब 6.6 लाख अस्थायी कर्मचारियों की औसत सैलरी 18,000 से 25,000 रुपये के बीच में हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन कर्मचारियों पर सबसे अधिक असर पड़ेगा क्योंकि इनकी सैलरी से पीएफ के पैसे तो हर महीने काटे जा रहे हैं, लेकिन सही मिलान नहीं होने के चलते ये पैसे पीएफ खाते की जगह मिसलेनियस खाते में जा रहे हैं। इसके चलते इन EPFO सब्सक्राइबर्स के पीएफ खाते में जमा रकम काफी कम है।
आधार-UAN में गड़बड़ी तो निकासी नहीं- इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुचिता दत्ता ने बताया, 'जिन खातों के आधार-UAN नंबर के मिलान में विसंगतियां पाई गई है, EPFO उन्हें निकासी की इजाजत नहीं दे रहा है। करीब 20 पर्सेंट लाभार्थी अपनी रकम नहीं निकाल पाएंगे, जबकि उनकी सैलरी से यह रकम काटी जा चुकी है।'