नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा परिषद् (एसीआई) ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण इस साल विमानन उद्योग को 76 अरब डॉलर के नुकसान का अनुमान जताते हुये कहा है कि यात्रियों की संख्या कोरोना-पूर्व स्तर पर लौटने में डेढ़ साल तक का समय लग सकता है। हवाई अड्डा संचालकों के संगठन एसीआई के बुधवार को प्रकाशित आर्थिक बुलेटिन में कहा गया है कि कोरोना के कारण इस यात्रियों की संख्या में तकरीबन 3.6 अरब यानी 38.1 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है।
वहीं, यात्रियों की संख्या में गिरावट और उड़ानें रद्द होने से हवाई अड्डों के राजस्व पर भी दबाव रहेगा। उन्हें राजस्व में 50 फीसदी का नुकसान हो सकता है। इस वर्ष के आरंभ में अनुमान लगाया गया था कि पूरे साल के दौरान हवाई अड्डों की कमाई 172 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब इसके अनुमान से 45 फीसदी कम रहने की आशंका है।
एसीआई की वैश्विक महानिदेशक ऐंजेला गिटेन्स ने कहा कि इस वर्ष की पहली तिमाही में जनवरी से मार्च तक हवाई अड्डा उद्योग को पहले ही कई अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। अब यह माना जा रहा है कि कोविड-19 का प्रभाव सिर्फ दूसरी तिमाही में ही नहीं साल के उत्तरार्द्ध तक भी रह सकता है। अधिकतर विशेषज्ञों का मानना है कि हवाई यातायात को कोरोना-पूर्व स्तर पर पहुँचने में एक से डेढ़ वर्ष तक का समय लग सकता है। वर्ष 2021 के अंत में जाकर यह उस स्तर को हासिल कर सकेगा।
श्रीमती गिटेन्स ने कहा,‘‘इतनी बड़ी गिरावट से हवाई अड्डा कारोबार के सामने वैश्विक स्तर पर अस्तित्व का खतरा पैदा हो गया है। लाखों की संख्या में लोगों की नौकरी बचाने, अनिवार्य ऑपरेशन जारी रखने और इस उद्योग को जल्द पटरी पर लाने का मौका देने के लिए सरकारों को प्रभावी तथा भेदभाव रहित नीति अपनानी चाहिये।