नई दिल्ली। वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के कारण घरेलू विमानन क्षेत्र पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। देश की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि जनवरी और फरवरी में कोरोना वायरस का उसकी वित्तीय स्थिति पर अपेक्षाकृत कम प्रभाव पड़ा था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में टिकटों की बिक्री 15 से 20 प्रतिशत तक घटी गयी है तथा कोविड-19 की स्थिति के अनुसार इसमें आगे बदलाव की संभावना है।
घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या के हिसाब से आधी हिस्सेदारी रखने वाली एयरलाइन ने आशंका व्यक्त की है कि चालू वित्त वर्ष की 31 मार्च को समाप्त हो रही अंतिम तिमाही में उसके राजस्व और मुनाफे पर इसका बड़ा प्रभाव देखा जा सकता है। साथ ही रुपये में हो रही गिरावट के कारण विमान किराये के मद में भुगतान का बोझ भी बढ़ सकता है क्योंकि किराये का भुगतान डॉलर में करना होता है। इंडिगो के साथ देश की लगभग सभी विमान सेवा कंपनियों की वित्तीय स्थिति कोरोना से प्रभावित होने की आशंका है।
सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया तथा निजी विमान सेवा कंपनियों विस्तारा, स्पाइसजेट और गोएयर ने भी कोरोना के कारण अपनी उड़ानों में कटौती की है। सरकार ने बुधवार रात जारी आदेश में 15 अप्रैल तक सभी पर्यटक वीजा निलंबित कर दिये हैं। सरकार ने भारतीयों को भी यात्रा से बचने की सलाह दी है तथा कहा है कि वापस आने पर उन्हें 14 दिन तक स्वास्थ्य निगरानी में आबादी से अलग रहना पड़ा सकता है। इससे अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर यात्रियों की संख्या लगभग शून्य रह जायेगी।
दूसरे देशों द्वारा प्रतिबंध के कारण भी कई घरेलू तथा विदेशी विमान सेवा कंपनियों को विभिन्न मार्गों पर उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। इन सबके के मिले-जुले प्रभाव से पहले से ही दबाव में चल रहे विमान सेवा क्षेत्र के लिए संकट और बढ़ सकता है। उल्लेखनीय है कि कोराना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दुनिया के लगभग सभी देश अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं को कम से कम रखने की नीति अपना रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले पर्यटन और विमानन क्षेत्र हैं।