मुंबई। केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के खिलाफ रविवार (8 मार्च) को केस दर्ज किया है। इस एफआईआर में राणा कपूर परिवार के स्वामित्व वाले डीओआईटी अरबन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिडेट और डीएचएफएल का भी नाम है।
इससे पहले यस बैंक के फाउंडर और पूर्व सीईओ राणा कपूर को मुंबई की विशेष अदालत ने 11 मार्च तक की ईडी कस्टडी में भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को धन शोधन के आरोपों के तहत रविवार तड़के गिरफ्तार किया था।
केंद्रीय एजेंसी ने कपूर के आवास पर शुक्रवार (6 मार्च) रात को छापा मारा था जिसके बाद 20 घंटे से अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद बेलार्ड एस्टेट में ईडी के कार्यालय में कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी तब हुई है जब इस निजी बैंक में वित्तीय अनियमितताओं और इसके संचालन में कुप्रबंधन के आरोप सामने आए हैं और आरबीआई एवं केंद्र सरकार ने इसके मामलों को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई शुरू की है।
मामले के जांच अधिकारी ने उस समय पीएमएलए के तहत कपूर का बयान दर्ज किया था जब उनसे यहां वर्ली इलाके में 'समुद्र महल में उनके आवास पर शुक्रवार रात को पहली बार पूछताछ की गई थी। उन्हें नए सिरे से पूछताछ के लिए शनिवार दोपहर को ईडी कार्यालय लाया गया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ जांच में 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश, 44 महंगी पेटिंग और एक दर्जन से कथित मुखौटा कंपनियां केंद्र में हैं। कपूर को मनी लांड्रिंग के मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं राणा कपूर के खिलाफ अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए उनकी बेटियों राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर और राधा कपूर से पूछताछ कर रही है।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को कुछ ऐसे दस्तावेज भी मिले हैं जो बताते हैं कि कपूर परिवार के लंदन में कुछ संपत्ति हैं। अब उस संपत्ति की खरीद के लिये इस्तेमाल हुए कोष के स्रोत की जांच की जा रही है। ईडी एक कंपनी द्वारा कथित रूप से प्राप्त 600 करोड़ रुपये के कोष के मामले में कपूर, उनकी पत्नी तथा तीन बेटियों के खिलाफ जांच कर रहा है। जिस कंपनी को यह राशि मिली, उसका नियंत्रण कथित रूप से उनके द्वारा नियंत्रित थी। कंपनी को यह राशि दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) से जुड़ी इकाई से मिली थी।