नई दिल्ली। एयर इंडिया के अधिग्रहण को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी ऐलान किया है। सरकार ने कहा है कि नॉन रेसिडेंट इंडियन (एलआरआईज) भी एयर इंडिया में 10 फीसद हिस्सा खरीद सकते हैं। अभी तक एनआरआर्ईज के लिए यह सीमा सिर्फ 49 फीसद थी। बताया जा रहा है कि एयर इंडिया को 2018 में बेचने की पहली कोशिश असफल रहने के बाद केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है। बता दें कि एयर इंडिया के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 17 मार्च तक है।
इसमें रुचि रखने वाले बोलीदाताओं का नेटवर्थ 3,500 करोड़ रुपये होना चाहिए। बोली जमा होने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि केंद्र सरकार ने एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया है। अब एयर इंडिया का पूरा-पूरा अधिग्रहण (100 फीसदी) एनआरआईज भी कर सकते हैं।
पहले यह सीमा 49 फीसदी थी। वर्ष 2018 में सरकार ने एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था, लेकिन यह कोशिश कामयाब नहीं हो पाई थी। बता दें कि इस वक्त एयर इंडिया पर करीब 80 हजार करोड़ का कर्ज है। वित्त वर्ष 2018-19 में एयर इंडिया को 8,556 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। 7 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बने एक मंत्री समूह (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) ने निजीकरण से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 पर्सेंट शेयर सरकार के पास ही हैं।