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बजट में स्टार्टअप के लिए रियायतें मील का पत्थर साबित होंगी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 3 2020 4:12PM | Updated Date: Feb 3 2020 4:13PM
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नई दिल्ली। वर्ष 2020-21 के आम बजट में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए की गई घोषणाओं का स्वागत करते हुए केसरवाला के संस्थापक दिवाकर भल्ला ने कहा है कि यह स्वरोजगार शुरू करने वालों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। भल्ला ने सोमवार को कहा कि बजट में मोदी सरकार ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा और कई प्रकार की राहत दी है। सौ करोड़ रुपये तक का सालाना कारोबार करने वाले स्टार्ट अप के लिए 2020..21 के बजट में कर रियायतें बढ़ा दी गयी हैं।
 
उन्होंने कहा, बजट में पांच वर्ष के लिए कर्मचारी स्टाक विकल्प योजना (ईएसओपी) के तहत पांच वर्ष की कर  छूट और 100 करोड़ रुपए तक कारोबार करने वाले स्टार्टअप उद्यमी को 10 साल तक कर में छूट स्वागतयोग्य हैं। इन छूटों से अधिक से अधिक युवा स्टार्टअप को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। सरकार के प्रौद्योगिकी को महत्व देने और इसके लिए आठ हजार करोड़ रुपए का प्रावधान अगले पांच वर्ष के दौरान उद्यमिता को नयी ऊंचाई पर पहुंचाने में काफी सहायक सिद्ध होगा। गौरतलब है कि मोदी सरकार प्रारंभ से ही स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि भारत जैसे विशाल देश में जब तक युवा रोजगार तलाशने की बजाय रोजगार देने के लिए आगे नहीं आयेंगे,  बेरोजगारी की समस्या को दूर नहीं किया जा सकेगा। भल्ला ने बजट में जैविक खाद्य पदार्थों के संबंध में की गई घोषणा पर कहा, सरकार ने खेती का अधिक संतुलित माडल अपनाने के साथ उर्वरकों के समुचित उपयोग पर जोर देने की घोषणा कर कृषि और खाद्य उद्योग के विकास की दिशा में अच्छा कदम उठाया है।
 
आनलाइन पोर्टल जैविक खेती से जैविक उत्पाद की आपूर्ति श्रखंला को मजबूत करते हुए किसानों, जैविक खाद्य डीलरों और उपभोक्ताओं को इनके उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने के लिए अधिक आर्थिक प्रोत्साहन देने का एलान किया है लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को हतोत्साहित करने की दिशा में क्या कदम उठाती है। भल्ला ने कहा कि ग्रिड से बिजली प्राप्त करने पर और साथ ही वर्षा पर किसानों की निर्भरता कम होना, उनके लिए वरदान साबित होगा। वेयरहाउस की जियो टैगिंग के साथ रेल किसान सरकार का एक अन्य बड़ा प्रयास है।
 
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