मुंबई। नये ऑर्डरों, उत्पादन, निर्यात, कच्चे माल की खरीद और रोजगार में वृद्धि के दम पर इस साल जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां लगभग आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गयीं। आईएचएस मार्केट के आज यहां जारी विनिर्माण क्षेत्र का खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) दिसंबर 2019 के 52.7 से बढ़कर गत जनवरी में 55.3 पर पहुंच गया। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना गतिविधियों में तेजी और इससे नीचे रहना इसमें गिरावट दिखाता है जबकि सूचकांक का 50 पर रहना स्थिरता का द्योतक है।
आईएचएस मार्केट की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि जनवरी में विनिर्माण के उपवर्गों में उपभोक्ता वस्तुओं में सबसे अधिक तेजी रही। अंतरिम वस्तुओं के उप वर्ग में वृद्धि का क्रम बना रहा जबकि पूँजीगत वस्तुओं के उप वर्ग में तेजी लौट आयी। कई कंपनियों ने बताया कि विपणन की उनकी रणनीति के सफल परिणाम मिले हैं। निर्यात के ऑर्डरों में नवंबर 2018 के बाद की सबसे बड़ी तेजी रही। एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका से सबसे ज्यादा ऑर्डर मिले। मजबूत माँग के कारण कंपनियों ने अपना उत्पादन भी बढ़ाया।
उत्पादन में वृद्धि साढ़े सात साल के उच्चतम स्तर पर रही। मजबूत माँग के कारण कंपनियों की इंवेंटरी में भी कमी आयी है। आईएचएस मार्केट की मुख्य अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने आँकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि कंपनियों को सस्ती लागत का भी फायदा मिला जिससे बिना मूल्य में ज्यादा वृद्धि किये वे उत्पादन बढ़ाने में सक्षम हुये। जनवरी में कारोबारी विश्वास भी बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गत जनवरी में छह महीने में पहली बार कच्चे माल और आधे तैयार माल का भंडार बनाने की प्रवृत्ति भी देखी गयी और यह मई 2017 के बाद के उच्चतम स्तर पर रही।