नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से ‘विश्व बैंक कारोबारी सुगमता वरीयता क्रम’ में भारत ने 79 पायदानों की छलांग लगाई है और वर्ष 2014 के 142 वें स्थान से वर्ष 2019 तक 63 वें स्थान पर पहुंच गया है। श्रीमती सीतारमण ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में कहा कि समुद्री जहाजों की माल लदान में लगने वाला समय वर्ष 2010-11 के 4.67 दिन से कम होकर वर्ष 2018-19 में 2.48 दिन रह गया है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश ने 10 मानकों में से सात मानकों में प्रगति दर्ज की है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) कानून उन सुधारों की सूची में सबसे उपर हैं जिनके कारण श्रेणी में भारत की स्थिति बेहतर हुई है। हालांकि भारत कुछ अन्य मानकों यथा कारोबार शुरू करने में सुगमता (श्रेणी 136), सम्पत्ति का पंजीयन (श्रेणी 154), कर भुगतान (श्रेणी 115), संविदाओं को लागू करना (श्रेणी 163) आदि में अभी भी पीछे है।
पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत में कारोबार शुरू करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की संख्या 13 से घटकर 10 रह गई है। आज भारत में कारोबार शुरू करने के लिए औसतन 18 दिनों का समय लगता है जबकि 2009 में औसतन 30 दिनों का समय लगता था। हालांकि भारत ने कारोबार शुरू करने में लगने वाले समय और लागत में महत्वपूर्ण कमी की है लेकिन इसमें और सुधार की आवश्यकता है। पूरी दुनिया में रोजगार और विकास के लिए बार एवं रेस्तरां को महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है।
यह एक ऐसा व्यापार है जिसमें कारोबार शुरू करने और बंद होने की आवृत्ति बहुत अधिक होती है। एक सर्वेक्षण दिखलाता है कि भारत में एक रेस्तरां खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंसों की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है। पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत ने निर्माण अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है। वर्ष 2019 में 98-113.5 दिनों का समय लगता है और भण्डारण लागत का 2.8-5.4 प्रतिशत खर्च होता है।
समीक्षा में कहा गया है कि पर्यटन अथवा विनिर्माण जैसे खास क्षेत्रों की कारोबारी सुगमता को सरल बनाने में, और अधिक लक्षित पहुंच की जरूरत है, जिससे प्रत्येक क्षेत्र की नियामक तथा प्रक्रियात्मक बाधाएं दूर हों। भारत में एक अनुबंध को लागू करने में औसतन 1445 दिनों का समय लगता है, जबकि न्यूजीलैंड में 216 दिन, चीन में 496 दिन लगते हैं। भारत में करों के भुगतान में 250 घंटे से अधिक समय लगता है, जबकि न्यूजीलैंड में 140 घंटे, चीन में 138 घंटे और इंडोनेशिया में 191 घंटे लगते हैं। इन मापदंडों में सुधार लाने की संभावना है।