नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की बदौलत चांद पर 'हिंदुस्तान' का ध्वज लहरा रहा है और अब इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इसी से जुड़ा हुआ एक नया अपडेट सामने आया है। बता दें कि इसरो विक्रम और प्रज्ञान के साथ संचार स्थापित करने की कोशिशों में जुटा हुआ है और अभी तक दोनों से कोई सिग्नल नहीं मिले हैं। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर किया। इसरो ने कहा,
विक्रम और प्रज्ञान के साथ संचार को स्थापित करने की कोशिशें की गईं ताकि उनके जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। हालांकि, अभी तक उनकी तरफ से कोई सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ है। संपर्क स्थापित करने की कोशिश जारी रहेगी। इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को 23 सितंबर को नींद से जगाने की कोशिश करेगा। फिलहाल विक्रम और प्रज्ञान एक दिन और सोएंगे।
अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई के मुताबिक, हमने 22 सितंबर को विक्रम और प्रज्ञान को नींद से जगाने की प्लानिंग की थी, लेकिन कुछ कारणों की वजह से विक्रम और प्रज्ञान को 23 सितंबर को जगाया जाएगा। सनद रहे कि इसरो ने 23 अगस्त को चांद का दीदार किया था। चंदा मामा के सफर पर निकला चंद्रयान-3 23 अगस्त को मामा की गोद में जाकर बैठा था। इसी के साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया था।