लीबिया अपने इतिहास में सबसे भयावह बाढ़ का सामना कर रहा है। यहां डेनियल तूफान और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचाई है। आलम यह है कि बाढ़ के कारण लीबिया के डेरना शहर का लगभग एक चौथाई हिस्सा बह गया है। इसके साथ ही करीब 20 हजार लोगों की मौत इस आपदा के कारण हुई है। स्काई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, डेरना शहर की सड़कों पर लाशें बिखरी पड़ी हैं। मुर्दाघरों में जगह कम पड़ गई है। हाल यह हो गया है कि मारे गए लोगों के शवों को सामूहिक क़ब्रों में दफ़नाया जा रहा है। इस विनाशकारी बाढ़ में बचे हुए लोगों ने स्काई न्यूज टीवी से बातचीत के दौरान अपनी आपबीती सुनाई। जिसमें उन्होंने कहा कि तूफ़ान डैनियल के दौरान रविवार को डेरना में सुनामी जैसी बाढ़ आई और इससे पहले की लोग अपने बचाव में कुछ कर पाते, उन्हें समंदर की तरफ़ बहा ले गई। डरे-सहमे लोगों ने न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि लोगों को जान बचाने का समय ही नहीं मिला।
रिपोर्ट के अनुसार, हज़ारों लोग अभी भी लापता हैं और समंदर लगातार लाशें किनारे पर छोड़ रहा है। ऐसे में लोग अपने प्रियजनों को ढूढ़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। वे अपने नंगे हाथों से डेड बॉडी को उलट पलट पर पहचाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, डेरना शहर को जानमाल का भारी नुकसान बांध टूट जाने के कारण हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, विनाशकारी बाढ़ के बाद जो बांध टूटे हैं उसे लोग "मौत का बांध" नाम दे रहे हैं। न्यूज चैनल से बात करते हुए एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि बाढ़ ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। यह प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह एक तबाही है। रिपोर्ट के अनुसार, हवा में लाशों की तेज़ गंध महसूस की जा रही है। इसके साथ ही तबाही की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उसमें मलबे के पहाड़, जर्जर हो चुकी कारें और सड़कों पर कतारों में रखे गए शव देखे जा सकते हैं। इसके साथ ही माना जा रहा है कि अनगिनत शव मिट्टी के नीचे दफ़न हैं।
स्थानीय लोगों ने न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि "जब हम मलबे, पत्थरों और चट्टानों के पहाड़ों से गुजर रहे हैं तो हमें खुद को याद दिलाना पड़ रहा है कि ये कभी लोगों के घर थे, यहां कभी दुकानों और मॉल से भरी सड़क थी। यहां तक कि सड़क भी अस्तित्वहीन हो गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, शहर में दस हज़ार से अधिक लोग अभी लापता बताये गए हैं। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।