नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। कांग्रेस ने इस बार मोदी सरकार पर एक बड़ा घोटाला करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस ने कहा, "ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार रोजाना नए शिगूफा छोड़ती है, लेकिन कश्मीर में एक बड़ा घोटाला हुआ है, जहां मनोज सिन्हा एलजी हैं। कांग्रेस ने आगे कहा, "जम्मू कश्मीर में "जल जीवन मिशन" के नाम पर 13 हजार करोड़ का करप्शन किया गया है और इस मामले को उठाने वाले एक IAS अधिकारी है, जो गुजरात के है और दलित हैं, इस अधिकारी को बार बार ट्रांसफर किया जा रहा है।" जानकारी के लिए बता दें कि "जल जीवन मिशन " केंद्र सरकार की परियोजना है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आगे कहा,"घोटाले की एक पूरी क्रोनोलाजी है। पहले तकनीकी मंजूरी और बगैर किसी निविदा के टेंडर निकाला गया। इस टेंडर के लिए किसी भी प्रक्रिया का पालन नही किया गया। जिस अधिकारी ने घोटाले को उजागर किया गया अब उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। हमारे कुछ सवाल हैं मोदी सरकार क्यों 13 हजार के घोटाले को उजागर करने की सजा दे रहे है? गृह मंत्रालय आखिर शिकायत के बावजूद जांच क्यों नहीं करा रहा है? क्या यह एलजी कार्यालय है जो कथित तौर पर चूक और कमीशन के कार्यों में लिप्त है? अभी तो केवल छोटी मछली को ही चिन्हित किया गया है, लेकिन 'बड़ी मछली' कहां है? ये लूटा हुआ पैसा कहां गया? किसकी जेब भरी जा रही थी?
कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा,"MODI सरकार का असली नाम है- मैन्युफैक्चरिंग ऑफ डायवर्सनरी इश्यूज सरकार। अपने घोटालों को जनता के ज़हन से दूर रखने के लिए मोदी सरकार नित नए शगूफ़े परोसती है, लेकिन सच नहीं छिपता है। जम्मू-कश्मीर में ₹13,000 करोड़ का जल जीवन मिशन घोटाला हुआ है, एक आईएएस अधिकारी ने खुलासा किया है।" पवन खेड़ा ने आगे कहा, "एक आईएएस अधिकारी ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में जल जीवन मिशन (JJM) में 13,000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है और उन्हें गुप्त रूप से जूनियर स्तर के पद पर ट्रांसफर कर दिया गया है। अधिकारी का सेवा में बेदाग रिकॉर्ड है और उन्होंने उन आईएएस अधिकारियों के नाम सूचीबद्ध किए हैं, जो दस्तावेजी सबूतों की एक श्रृंखला के अनुसार, भ्रष्टाचार के बड़े कृत्यों में शामिल थे। लेकिन घोटाला यहीं नहीं रुकता।"
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, "ऐसा लगता है कि मोदी सरकार के शीर्ष अधिकारियों, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, मनोज सिन्हा ने परमार द्वारा घोटाले में नामित इन भ्रष्ट अधिकारियों को पदोन्नत किया है, और व्हिसलब्लोअर को दंडित किया है। आईएएस को जल शक्ति विभाग के प्रमुख सचिव से पदावनत कर ARI एवं प्रशिक्षण विभाग में भेज दिया गया, जबकि 30 साल की सेवा के बाद उनका पद वित्तीय आयुक्त का होना चाहिए था। इतना ही नहीं, बल्कि मोदी सरकार ने पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात के आईएएस अधिकारी के खिलाफ गंभीर जाति-आधारित उत्पीड़न भी किया है। यह एक बार फिर मोदी सरकार की निंदनीय दलित विरोधी मानसिकता को उजागर करता है।"
पवन खेड़ा ने कहा, "हाल के दिनों में, हमने देखा है कि कैसे मोदी सरकार के घोटालों और पीएम मोदी के परम मित्र की चल रही गाथा को उजागर करने वाली कम से कम 7 सीएजी रिपोर्टों ने मोदी सरकार के "ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा" के नकली दावों को खोखला कर दिया है। हमने यह भी देखा है कि कैसे जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सतपाल मलिक, जो एक संवैधानिक पद पर थे, ने खुलेआम आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का नाम उजागर किया और बताया कि कैसे सुबह 7:00 बजे सुबह, वह दो फाइलों की मंजूरी लेने के लिए उनके पास पहुंचा। इन सौदों में 300 करोड़ की रिश्वत की बात सामने आई थी। देश इस बात से अच्छी तरह परिचित है कि कैसे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम कथित तौर पर ₹884 करोड़ के मेगा संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले में आया है।"
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "हम मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह भी जानते हैं कि पकड़ा गया संदिग्ध ठग, संजय राय शेरपुरिया, जो भाजपा-आरएसएस इकोसिस्टम का हिस्सा था, ने साल 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए मनोज सिन्हा (वर्तमान एलजी) को ₹25 लाख का उधार दिया था। इसलिए, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जम्मू-कश्मीर, एलजी की नाक के नीचे जल जीवन मिशन (जेजेएम) में भी घोटाला हुआ है।"