भारत में इन दिनों देश का नाम बदलने को लेकर सियासी घमासाम बचा हुआ है। जी-20 समिट के इनविटेशन में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखे जाने के बाद यह घमासान और बढ़ गया। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भी इसको लेकर अपना बयान दिया है। यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस के डिप्टी स्पोक्स्पर्सन फरहान हक ने कहा कि अगर उन्हें नाम बदलने का रिक्वेस्ट आता तो वह इस पर विचार करेंगे।
इसके लिए उन्होंने तुर्की का उदाहरण दिया। जब फरहान हक से ये सवाल पूछा गया कि ‘इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारत’ किया जा सकता है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जब हमारे पास नाम बदलने का अनरोध आएगा तब हम इस पर विचार करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि तुर्की ने पिछले साल नाम बदलने का रिक्वेस्ट दिया था। उसने तुर्की से तुर्किये करने का अनुरोध किया था। हमने इस पर विचार किया।
बता दें कि इस विवाद पर मंगलवार से घमासान जारी है। इंडिया बनाम भारत का विवाद तब और गरमा गया जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जी-20 इनविटेशन में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दों को जमकर उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मोदी सरकार INDIA पार्टियों के गठबंधन से घबरा गई है। भारत और INDIA दोनों शब्द संविधान का अटूट अंग हैं।
वहीं, बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रियों से ‘भारत’ मुद्दे पर राजनीतिक विवाद से बचने के लिए कहा। केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान क्या करें और क्या न करें के बारे में बताया। बता दें कि भारत की अध्यक्षता में 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सहित दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
बता दें कि मोदी सरकार ने 18-22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस दौरान मोदी सरकार देश का नाम ‘इंडिया’ के बजाए ‘भारत’ रखने का प्रस्ताव ला सकती है। अगर ये प्रस्ताव संसद में पास हो गया और देश का नाम बदल कर ‘भारत’ हो गया तो 2024 से पहले सबसे बड़ा झटका विपक्षी गठबंधन को INDIA को लग सकता है।