ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने साल 2002 के गोधरा दंगों पर बनी बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री को बैन करने पर मोदी सरकार को घेरा है। ओवैसी नेसवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे के जीवन पर बनी फिल्म को भी बैन कर देंगे। डॉक्यूमेंट्री बैन होने के बाद से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने कहा, मोदी सरकार ने ब्रिटिश कानूनों के आधार पर भारत में ट्विटर और यूट्यूब पर बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगा दिया है। हम मोदी से पूछते हैं, क्या अंतरिक्ष या आसमान से किसी ने गुजरात दंगों में लोगों को मारा?”उन्होंने आगे सत्तारूढ़ सरकार के नेताओं से गोडसे पर उनकी राय के बारे में पूछा।
ओवैसी ने कहा, बीजेपी ने डॉक्यूमेंट्री पर लगा दिया। मैं प्रधानमंत्री और बीजेपी नेताओं से पूछता हूं कि गांधी की हत्या करने वाले गोडसे के बारे में आपकी क्या राय है? अब गोडसे पर एक फिल्म बन रही है। क्या गोडसे पर बन रही फिल्म पर बैन लगाएंगे पीएम? मैं बीजेपी को गोडसे पर बनी फिल्म पर बैन लगाने की चुनौती देता हूं। हम मांग करते हैं कि पीएम मोदी 30 जनवरी से पहले गोडसे पर बनी फिल्म पर प्रतिबंध लगाएं, जिस दिन गांधी की हत्या हुई थी।” बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री भारत में बैन है, लेकिन ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की सासंद महुआ मोइत्रा और डेरेक ओ’ ब्रायन ने इस डॉक्यूमेंट्री का लिंक ट्विटर पर शेयर कर विवाद को फिर हवा दे दी।
साथ हीटीएमसी ने सेंसरशिप के खिलाफ लड़ने का संकल्प भी लिया। टीएमसी नेताओं की इस हरकत पर केंद्रीय कानून मंत्रीकिरेन रिजिजू ने ट्वीट किया, इन टुकड़े-टुकड़े गिरोह के सदस्यों से कोई बेहतर उम्मीद नहीं है, जिनका एकमात्र लक्ष्य भारत की ताकत को कमजोर करना है। इस पूरे विवाद पर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ ने कहा, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के समान भारत सरकार की एक योजना है, जिसे ब्लॉक इन इंडिया कहा जाता है। सरकार नहीं चाहती कि कठिन सवाल पूछे जाएं। अगर बीबीसी का मुख्यालय दिल्ली में होता, तो ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) अब तक उसके दरवाजे पर होता।