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कोर्ट ने स्वामी विवेकानंद के उपदेशों का हवाला देकर खारिज की बेल अर्जी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 22 2021 3:59PM | Updated Date: Oct 22 2021 3:59PM
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नई दिल्‍ली। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की याचिका खारिज कर दी है। मामला CAA और NRC के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषण से जुड़ा हुआ है। दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राजद्रोह के आरोप में 28 जनवरी 2020 को बिहार के जहानाबाद से इमाम को गिरफ्तार किया गया था। साकेत कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा 13 दिसंबर 2019 के भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चला कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक और विभाजनकारी तर्ज पर है। मेरे विचार में, आग लगाने वाले भाषण के लहजा से सार्वजनिक शांति और सद्भाव पर कमजोर करने वाला प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्वामी विवेकानंद के एक दिए गए उपदेश (कोटेशन) का भी जिक्र किया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का धयान रखिये कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं। विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं।”
 
पिछले साल जुलाई में दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली की एक कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी। पुलिस ने इस मामले में देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया था। शरजील पर दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान देश विरोधी भाषण देने और राष्ट्र की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। शरजील इमाम पर लोगों को उकसाने का आरोप भी है। शरजील इमाम को 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया में कथित भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था। उसने 16 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी कथित तौर पर असम और बाकी पूर्वोत्तर को भारत से काटने की धमकी दी थी। वो 28 जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है।
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