नई दिल्ली। बंगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर कट्टरपंथियों की ओर से हो रहे हमलों की निंदा करते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मांग की है कि भारत सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को जल्द लागू करे। विहिप ने बुधवार को यहां स्थित बंगलादेश उच्चायोग के सामने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही साम्प्रदायिक हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया और बंगलादेश उच्चायुक्त को वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना के नाम एक ज्ञापन दिया।
इस प्रदर्शन को संबोधित करते हुए विहिप के संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेंद्र जैन ने कहा है कि बंगलादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार एवं बर्बरता की सभी सीमाएं पार कर चुके हैं। यह संपूर्ण विश्व बिरादरी के लिए चुनौती है कि इन बर्बर अत्याचारों को किस प्रकार रोका जाए।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भारत सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। बंगलादेश सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए पूर्ण निष्पक्षता के साथ सभी नागरिकों के जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। विहिप हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचारों को मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकती। उन्होंने कहा कि भारतीय सांसदों के एक जांच दल को बंगलादेश भेजा जाना चाहिए।
डॉ.जैन ने कहा, ‘‘ जिस हिंदू ने संपूर्ण मानवता के कल्याण की कामना की, उस हिंदू को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश में क्यों प्रताड़ति किया जा रहा है? क्या हिंदू की सभ्यता उसकी कमजोरी बन गई है? संपूर्ण विश्व बिरादरी को समझ लेना चाहिए यदि हिंदू समाप्त हुआ तो संपूर्ण विश्व में सभ्यता समाप्त हो जाएगी। इसलिए संपूर्ण विश्व बिरादरी को आगे आकर इस इस्लामिक कट्टरता का मजबूती से शमन करना चाहिए। भारत सरकार जितनी मजबूती से अफगानिस्तान और पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचारों को उठाती है, बंगलादेश में होने वाले अत्याचारों के विरोध में इतनी मजबूती से नहीं खड़ी होती।
इसलिए भारत सरकार को पूरी कठोरता के साथ श्रीमती हसीना को इस बात के लिए मजबूर करना चाहिए कि वह हिंदुओं पर कोई दमन, कोई अत्याचार न होने दें। उन्होंने कहा कि भारत का 'टूल किट गैंग' जो फिलिस्तीन के बारे में कुछ भी बोलता है, बंगलादेश पर बोलते समय यह क्यों कहते हैं कि यह किसी एक देश का आंतरिक मामला है? इससे उनका दोहरा मापदंड स्पष्ट होता है।