29 Mar 2024, 01:35:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

FATF में भारत निकालेगा इमरान खान का दम, भुगतेगा टार्गेट किलिंग का अंजाम

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 20 2021 12:46PM | Updated Date: Oct 20 2021 12:46PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। J&K में टार्गेट किलिंग की आतंकी साजिश में पाकिस्तान फिलहाल सफल होता दिख रहा है। इसी महीने अब तक दर्जन भर के लगभग गैर-कश्मीरी लोगों की हत्या की जा चुकी है। पाकिस्तान अपने पोषित-पल्लवित आतंकी समूहों के बल पर जम्मू-कश्मीर में 1990 का दौर वापस लाना चाहता है। इससे घाटी के हिंदू-सिखों में दहशत का माहौल कायम हो गया है। वह अपने-अपने घरों को पलायन शुरू कर चुके हैं। हालांकि भारत की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के इन नापाक इरादों की काट खोज ली है। सूत्रों की मानें तो नापाक इमरान सरकार को जम्मू-कश्मीर में निर्दोषों की हत्याओं की कीमत चुकानी होगी। इसका सबब बनेगा फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF), जहां पाकिस्तान को आतंकवाद के वित्त पोषक के रूप में स्थापित करने की रणनीति बना ली गई है। 
 
पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को स्थानीय युवाओं के गुस्से के रूप में प्रचारित करने की कुटिल चाल पर काम कर रहा है। इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठनों को द रेजिस्टेंस फोर्स, लश्कर-ए-मुस्तफा, गजनवी फोर्स और अल-बद्र जैसे नाम देकर घाटी में मासूमों का खून बहाने का नापाक प्लान बनाया है। हाल-फिलहाल टीआरएफ के पाकिस्तान प्रेरित आतंकियों ने घाटी में टार्गेट किलिंग का बीड़ा उठा रखा है। जाहिर है इससे भारत की मोदी सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे निपटने को एक तरफ घाटी में आतंकियों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों के इस्तेमाल की रणनीति भी बन रही है।
 
इस तैयारी से वाकिफ सूत्रों की मानें तो पेरिस में आयोजित होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में पाकिस्तान को पूरी तरह नंगा कर दिया जाएगा। कश्मीर के पुंछ में सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ के हवाले से आंतकवाद का वित्तपोषण खत्म करने में पाकिस्तान की नाकामी को एफएटीएफ मीटिंग में उठाया जाएगा। आतंकियों को मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों पर नजर रखने वाली यह अंतरराष्ट्रीय संस्था लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों और उनके मददगारों को दंडित करने में पाकिस्तान की प्रगति का आकलन करने वाली है।
 
FATF का दांव कारगर माना जा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान इस वक्त गहरे वित्तीय संकट में फंसा हुआ है। नौबत यह आ गई है कि उसके पास सरकार चलाने तक का खर्च नहीं है। यही वजह है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के सामने कटोरा लेकर बार-बार गिड़गिड़ा रहा है। द न्यूज इंटरनैशनल की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान को चालू वित्तीय वर्ष में कम से कम 23।6 अरब डॉलर और अगले वित्तीय वर्ष के लिए 28 अरब डॉलर की सहायता की जरूरत है। इतने पैसे उसे बाहर से ही जुटाने होंगे, लेकिन एफएटीएफ उसकी राह में बड़ी बाधा बनकर खड़ी है। ऐसे में भारत में आतंकवाद को हवा देने का अंजाम उसे भुगतना पड़ सकता है। 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »