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UNICEF का दावा- यमन के युद्ध में 10 हजार बच्चे मारे गए या...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 20 2021 11:40AM | Updated Date: Oct 20 2021 11:40AM
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संयुक्त राष्ट्र बाल एजेंसी ने एक बयान में यमन में हो रही हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की है। यमन में वर्षों से जारी युद्ध में कम से कम 10 हजार बच्चे मारे गए या घायल हुए हैं। यूनिसेफ के प्रवक्ता जेम्स एल्डर के अनुसार, मार्च 2015 में लड़ाई शुरू होने के बाद से 10 हजार बच्चे मारे गए या घायल हो गए। यह रोजाना चार बच्चों के बराबर है। एल्डर के अनुसार ये आंकड़े ज्यादा भी हो सकते हैं। ऐसे कई मामले हैं, जिन्हें अभी तक दर्ज नहीं करा गया है। उन्होंने कहा, "यूनीसेफ को यमन में 2022 के मध्य तक अपने जीवन रक्षक अभियान को जारी रखने के लिए तत्काल 235 मिलियन डॉलर से अधिक की आवश्यकता है।" मगर ऐसा न होने पर एजेंसी को कमजोर बच्चों के लिए अपनी मदद को कम करने या बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। फंडिंग काफी अहम है। संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से यमन को दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट का घर मानता रहा है। अरब प्रायद्वीप पर स्थित देश लंबे समय तक संघर्ष,आर्थिक तबाही ढहती सामाजिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सहायता कार्यक्रमों की समस्याओं का सामना कर रहा है।
 
यूनिसेफ के प्रवक्ता ने मौजूदा फंडिग को लेकर चेतावनी जारी करी है। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ अभी तक सभी बच्चों तक नहीं पहुंच सका। संयुक्त राष्ट्र लंबे समय से यमन को दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट का घर मानता रहा है। अरब प्रायद्वीप पर स्थित देश लंबे समय तक संघर्ष, आर्थिक तबाही, ढहती सामाजिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सहायता कार्यक्रमों की संयुक्त समस्याओं का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा अधिक अंतरराष्ट्रीय समर्थन के बिना, बच्चों की मौत की दर बढ़ सकती है। "हर पांच में से चार बच्चों को मानवीय सहायता की आवश्यकता होती है। यह 11 मिलियन से अधिक बच्चे हैं।" इसके अलावा, चार लाख बच्चे गंभीर तीव्र कुपोषण से पीड़ित हैं। एल्डर ने कहा कि दो लाख से अधिक बच्चे स्कूल से बाहर हैं। एक से चार मिलियन बच्चे स्कूल के बाहर निकलने का खतरा है।
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