कांग्रेस नेता और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधी संसद की स्थायी समिति के प्रमुख शशि थरूर ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया है कि समिति की बैठक में शामिल होने से आखिरी मिनट में इनकार करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। थरूर ने कहा, यह संसदीय विशेषाधिकार का हनन और सदन की अवमानना है। इसने संसदीय समिति की शक्ति को कमतर किया है। भाजपा सांसदों ने भी इसमें शामिल होने से मना किया था।
थरूर ने बिरला को लिखे पत्र में कहा, समिति की बैठक से ठीक पहले मुझे सचिवालय की समिति संबंधी शाखा से सूचना मिली कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, गृह और संचार (दूरसंचार विभाग) मंत्रालयों/विभागों की ओर से 28 जुलाई की दोपहर ई-मेल आया था कि उनके प्रतिनिधि समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकेंगे। गृह मंत्रालय ने 28 जुलाई को दिन में 2.33 बजे, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2.44 बजे और दूरसंचार विभाग ने 2.52 बजे मेल भेजा।
कांग्रेस नेता ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने समिति के समक्ष अपने प्रतिनिधि के उपस्थित होने से छूट की मांग करते हुए कहा था कि निजी डाटा सुरक्षा विधेयक, 2019 संबंधी संयुक्त समिति के प्रमुख ने दिन में 3.45 बजे मंत्रालय के सचिव व दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक करने की इच्छा जताई। वहीं, गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग ने भी संसद संबंधी कार्यों का हवाला देते हुए समिति के समक्ष अपने प्रतिनिधियों को भेजने में असमर्थता जताई।
पेगासस जासूसी मामले समेत कई मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार को समिति की बैठक होनी थी, जिसके लिए तीनों मंत्रालयों के अधिकारियों को नागरिकों के डाटा की सुरक्षा और निजता विषय पर सवाल-जवाब के लिए तलब किया था। हालांकि, भाजपा सांसदों के उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं करने के कारण बैठक स्थगित कर दी गई। पर्याप्त संख्या नहीं होने के चलते कक्ष में भाजपा सांसदों की मौजूदगी के बावजूद यह बैठक नहीं हो पाई।