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CM नीतीश कुमार बोले: जाति-आधारित जनगणना एक बार जरूर होनी चाहिए

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 24 2021 3:57PM | Updated Date: Jul 24 2021 6:34PM
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पटना। देश में जनगणना  को लेकर बिहार के CM नीतीश कुमार ने एक बार फिर जातीय जनगणना कराने को लेकर बयान दिया हैं। CM  नीतीश कुमार ने कहा कि जाति-आधारित जनगणना के बारे में हम पहले ही फरवरी 2020 और 2021 में सदन में अपने विचार रख चुके हैं। जाति-आधारित जनगणना कम से कम एक बार अवश्य की जानी चाहिए। इसके जरिए उन्हें योजनाओं का लाभ मिल सकता है। अगर हम सही संख्या जानते हैं, तो हम उनकी बेहतरी की दिशा में काम कर सकते हैं। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि हर तबके का विकास हो, इसलिए आवश्यक है कि जातीय आंकड़े को जनगणना में लिया जाए। लालू यादव भी इसकी मांग करते आए हैं।

 
बिहार के CM नीतीश कुमार ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया था, लेकिन संसद के मानसून सत्र में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 2021 की जनगणना जाति आधारित नहीं होगी। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उक्त जानकारी दी है। बिहार विधानसभा से दो बार जातीय जनगणना को लेकर प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में मांग की गई थी कि साल 2021 में होने वाली जनगणना में जातीय आंकड़े दिए जाएं। सबसे पहले साल 2019 में विधानसभा में एक प्रस्ताव पास किया गया था और दूसरी बार बीते साल फरवरी में विधानसभा की तरफ से इस प्रस्ताव को पारित किया गया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि हर तबके का विकास हो, इसलिए आवश्यक है कि जातीय आंकड़े को जनगणना में लिया जाए। लालू यादव भी इसकी मांग करते आए हैं  मामले में तेजस्वी यादव ने भी केंद्र सरकार पर हमला किया था। उन्होंने कहा था कि बिहार के दोनों सदनों में BJP जातीय जनगणना का समर्थन करती है, लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्य मंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान करवाती है। यहां उनका इशारा नित्यानंद राय की तरफ था। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी को पिछड़े/अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफरत क्यों है? इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार भी सवाल उठाया। कहा कि मोदी सरकार पिछड़े वर्गों के हिंदुओं को क्यों नहीं गिनना चाहती? क्या उन पिछड़े वर्गों के 70-80 करोड़ लोग हिंदू नहीं हैं?
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