लोन (Loan) की जरूरत लोगों को कभी न कभी पड़ती है. अक्सर किसी बड़े खर्च के लिए जैसे घर खरीदना या कार खरीदने के लिए लोग लोन लेते हैं. लोन मिलने में सिबिल स्कोर (CIBIL Score) ) की सबसे अहम भूमिका है. जिनका सिबिल स्कोर अच्छा होता है उन्हें लोन आसानी से मिल जाता है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि अच्छे सिबिल स्कोर के बाद भी लोन आवेदन रिजेक्ट हो जाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं.
लोन का आवदेन करते वक्त आपकी उम्र काफी मायने रखती है. वित्तीय संस्थान उन लोगों को लोन देने में अतिरिक्त सावधानी बरतते हैं जिनकी आय रिटायरमेंट के करीब होती है. रिटायरमेंट के करीब पहुंचे लोगों के पास नियमित आय का जरिया सीमित होता है. ऐसे में कर्जदाता को लगता है कि रिटायर होने के बाद लोन लेने वाला ईएमआई भरने में समर्थ नहीं रह पाएगा. यही वजह है कि ऐसे लोगों का आवेदन अच्छे सिबिल स्कोर के बाद भी रद्द हो जाता है.
सिबिल स्कोर अच्छा होने पर भी कम आय आपको लोन न मिलने का एक कारण हो सकता है. वित्तीय संस्थान लोन देने से पहले आवदेक की कर्ज चुकाने की क्षमता का आकलन करता है. आवदेक को कर्जदाता के सामने अपनी आय का ब्योरा देना होता है. वित्तीय संस्थान यह देखते हैं कि लोन आवेदक की आय कितनी है, आमदनी का जरिया कितना स्थिर है, आवेदक पर कितने लोग आश्रित हैं. यदि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, लेकिन मासिक आय कम है, तो आपके लोन आवेदन के रद्द होने की संभावना बढ़ जाती है.
अगर आप एक ही जगह पर स्थिर होकर काम कर रहे हैं तो आपको लोन मिल जाएगा. अगर आपकी जॉब स्थिर नहीं है तो अच्छे सिबिल स्कोर के बाद भी आपका लोन आवेदन रिजेक्ट हो सकता है. वित्तीय संस्थान आवदेक से कम से कम दो साल के वर्क एक्सपीरिएंस की मांग करते हैं. यह मांग इसलिए की जाती है ताकि आवेदक के रोजगार की स्थिति का आंकलन किया जा सके और डिफॉल्ट के जोखिम को कम किया जा सके.