नई दिल्ली। सरकार ने 21 जून से शुरू होने जा रहे कोरोना टीकाकरण के चौथे चरण को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। सरकारी टीकाकरण केंद्र खोलने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है। वहीं 25 फीसद वैक्सीन हासिल करने वाले निजी क्षेत्र की भागीदारी और पहुंच बढ़ाने की भी कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार 75 फीसद डोज खरीदकर राज्यों को मुफ्त उपलब्ध कराएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आने वाले दिनों में वैक्सीन की उपलब्धता में गुणात्मक बढ़ोतरी होने जा रही है। इसके चलते पूरे देश में पिछले पांच महीने में वैक्सीन की जितनी डोज लगाई गई हैं, उससे दोगुना से भी ज्यादा अगले 49 दिन में ही लगा दी जाएंगी। जाहिर है उसी के अनुरूप टीकाकरण केंद्रों की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी और साथ ही वैक्सीन को टीकाकरण केंद्रों तक पहुंचाने के कोल्ड चेन से लेकर स्टाफ का भी इंतजाम करना होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और नेशनल हेल्थ मिशन के निदेशकों को इसकी तैयारी करने को कहा है। राज्यों को यह भी कहा गया है कि आबादी के साथ-साथ दूर-दराज के इलाकों में वैक्सीन को पहुंचाना सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
आने वाले दिनों में वैक्सीन की उपलब्धता का आंकड़ा पेश करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ने जून में वैक्सीन की 12 करोड़ डोज आपूर्ति करने का वादा किया है। हालांकि, पिछले 11 दिनों में लगभग तीन करोड़ डोज की ही आपूर्ति हुई है। इससे प्रतिदिन औसतन 30 लाख डोज की दर से 3.33 करोड़ डोज लगाई गई हैं।
अब जून के बाकी 19 दिनों में नौ करोड़ डोज की सप्लाई होनी है, जिससे औसतन 48 लाख डोज प्रतिदिन दी जा सकती हैं। वहीं, जुलाई में लगभग 20 करोड़ डोज की सप्लाई होगी। इससे प्रतिदिन औसतन 65 लाख टीके लगाए जा सकते हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव के मुताबिक जुलाई के दूसरे पखवाड़े से प्रतिदिन टीकाकरण का आंकड़ा एक करोड़ को पार कर सकता है और अगस्त से इसमें और भी इजाफा हो सकता है।