न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र ने मौजूदा कैलेंडर वर्ष के लिए भारत का विकास अनुमान 0.2 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है, हालांकि उसने भारत के विकास परिदृश्य को काफी भंगुर बताया है। शीर्ष वैश्विक संस्थान के आज जारी विश्व आर्थिक परिस्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) मध्य 2021 रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वर्ष 2021 में 7.5 प्रतिशत और 2022 में 10.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
इस साल जनवरी में जारी मुख्य डब्ल्यूईएसपी रिपोर्ट के मुकाबले मौजूदा वर्ष के लिए विकास अनुमान में 0.2 प्रतिशत और अगले साल के अनुमान में 4.2 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल भारत के जीडीपी में 6.8 प्रतिशत की गिरावट रही थी।
रिपोर्ट में भारत के बारे में कहा गया है, 'भारत (महामारी की) दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है जिसके कारण देश के बड़े हिस्से में जन स्वास्थ्य व्यवस्था दबाव में है। टीके की पात्रता का दायरा बढ़ाया गया है और आपूर्ति में हरसंभव वृद्धि के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन टीके तक पहुंच में असमानता है और यह भारी मांग की पूर्ति के लिए अपर्याप्त है। स्थिति के मद्देनजर भारत का विकास परिदृश्य बेहद भंगुर है।'
वैश्विक विकास अनुमान इस साल के लिए 4.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत और वर्ष 2022 के लिए 3.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.1 प्रतिशत किया गया है। संयुक्त राष्ट्र की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'वर्ष 2020 में 3.6 प्रतिशत की तेज गिरावट के बाद वर्ष 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। जनवरी में जारी विकास अनुमान में बढ़ोतरी की गई है।'