नई दिल्ली। भारत मे कोविड़-19 महामारी की दुसरी लहर के प्रकोप हालात बिगड़ते जा रहे हे कोरोना से बचने के लिए केवल टिकाकरण हि कारगर उपाय हैं। देश मे कोरोना वैक्सीन और ऑक्सीजन की कमी एक गंभीर समस्या बनी हुई है इस दौरान बायोकॉन की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ ने देश में कोरोना वैक्सीन की कमी को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने आम लोगों के लिए कोविड वैक्सीन की उपलब्ध को लेकर सरकार से पारदर्शिता की मांग की है। बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 1 मई से 18 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा है कि वैक्सीन की सप्लाई कम होने को लेकर वह काफी चिंतित हैं। उन्होंन स्वास्थ्य मंत्रालय को टैग करते हुए पूछा है कि क्या हम जान सकते हैं कि हर महीने सात करोड़ कोविड वैक्सीन खुराक कहां जा रही है? उन्होंने आगे लिखा है कि अगर सप्लाई की समय सारिणी सार्वजनिक कर दी जाए तो लोग धैर्यपूर्वक वैक्सीन का इंतजार कर सकते हैं।
हालांकि दूसरी ओर किरण मजूमदार शॉ ने कोविड के खिलाफ लड़ाई में शामिल वैज्ञानिकों के काम को सराहा भी है। उन्होंने कहा कि ISRO के वैज्ञानिकों ने तीन प्रकार के वेंटिलेटर और एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का विकास किया है। उन्होंने कहा कि इनकी लागत कम होने के साथ ही यूजर फ्रेंडली और पूरी तरह से ऑटोमेटेड हैं। इसके अलावा यह सुरक्षा के सभी मानकों पर खरा भी उतरते हैं।
बता दें कि इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने इन वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का विकास किया है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस सोमनाथ का कहना है कि हमारे बनाए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के जरिए एक मिनट में दो रोगियों के लिए पर्याप्त प्रति मिनट 10 लीटर समृद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकती है।
इस महीने की शुरुआत में मीडिया में खबरें आई थीं कि केंद्र सरकार ने कोविड-19 वैक्सीन के लिए कोई नया ऑर्डर नहीं दिया है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट को कोविशील्ड वैक्सीन की 11 करोड़ खुराकों के लिए अग्रिम के तौर पर 1,732.50 करोड़ रुपये 28 अप्रैल को जारी कर दिए गए थे। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत बायोटेक इंडिया लिमिटेड को कोवैक्सीन की पांच करोड़ खुराकों के लिए 28 अप्रैल को 787.50 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।