नई दिल्ली। पूरा देश एक ओर जहां कोरोना के बढ़ते केस से जूझ रहा है। वहीं मीडिया में इन दिनों कोरोना के एक और नए खतरनाक वेरिएंट ‘N440K’ की चर्चा चल रही है। कल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी में मंत्रालय ने बताया है कि देश में कोरोना के चलते आने वाले 71 प्रतिशत मामले सिर्फ 10 राज्यों से आ रहे हैं। पर अब कोरोना का एक नया स्ट्रेन लोगों का ध्यान खींच रहा है। दरअसल, दक्षिण भारत में कोरोना का एक नया स्ट्रेन N440K लोगों में डर पैदा कर रहा है। अभी भारत में कोरोना के डबल म्यूटेंट स्ट्रेन B.1617 ने तबाही मचा रखी है। हर दिन लाखों की संख्या में संक्रमित मरीज मिल रहे हैं, जबकि संक्रमण के कारण हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
यह वेरिएंट मुख्यत: दक्षिणी राज्यों में फैल रहा है. खासकर आंध्र प्रदेश में इस वेरिएंट के कई मामले सामने आ रहे हैं। माना जा रहा है कि SARS-CoV-2 के इसी नए वेरिएंट की वजह से विशाखापत्तनम, कर्नाटक, तेलंगाना और दूसरे दक्षिण के इलाकों में अफरा-तफरी फैलती जा रही है। कुछ रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में इस वेरिएंट के कुछ केस सामने आए हैं। इस स्ट्रेन को लेकर कहा जा रहा था कि ये पूराने स्ट्रेन की तुलना में 15 गुणा ज्यादा खतरनाक है पर अब इस बात को सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने खारिज किया है और इसे गलत बताया है। सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने इस नए स्ट्रेन के बारे में सिर्फ इतना ही नहीं कहा बल्कि ये भी जानकारी दी ये वायरस सिर्फ 5 प्रतिशत के करीब ही रह गया है और आने वाले दिनों में ये जल्द ही खत्म हो जाएगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि N440K वेरिएंट अन्य कोविड -19 वेरिएंट की तुलना में ज्यादा घातक या अधिक संक्रामक है।
N440K एक शक्तिशाली वेरिएंट है, जो तेजी से फैलता है। इसमें कोरोना से जुड़ी गंभीर जटिलताएं होती हैं। कथित तौर पर, कोरोना के मूल वेरिएंट की तुलना में यह वैरिएंट 15 गुना ज्यादा तेजी से फैलने वाला है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति कोरोना के मूल वेरिएंट से संक्रमित होता है तो वह एक सप्ताह के भीतर डिस्पेनिया या हाइपोक्सिया के चरण तक पहुंचता है। वहीं अगर कोई व्यक्ति N440K वैरिएंट से संक्रमित हो जाता है तो वह केवल तीन-चार दिनों के भीतर ही गंभीर स्थिति में पहुंच जाएगा। कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आंध्र प्रदेश में पाया गया कोविड स्ट्रेन बहुत थोड़े से समय में 4 लोगों को संक्रमित कर सकता है।