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कांग्रेस विचारधारा छोड़, कर रही देशविरोधी ताकतों से गठजोड़ : BJP

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 2 2021 7:46PM | Updated Date: Mar 2 2021 7:48PM
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आज कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी अब विचारधारा को छोड़ कर देश विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली बन गयी है और देश में भ्रष्टाचार, परिवारवाद, धर्म और जातिवाद के नाम पर देश में वैमनस्य फैलाना ही इसका काम रह गया है। 

भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने आज यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र उजागर हो गया है। कांग्रेस को गठबंधन और  गवर्नेंस से अब कोई मतलब नहीं है। इनका एकमात्र उद्देश्य किसी भी प्रकार से  सत्ता हासिल करके भ्रष्टाचार करना रह गया है। 

उन्होंने कहा कि इसी कारण से वर्तमान में कांग्रेस एक फ्रिंज पार्टी के रुप में तब्दील हो गई है। आज कांग्रेस अपनी प्रसांगिकता बनाए रखने के लिए गठबंधन पर निर्भर है। इससे पहले लगभग जितने भी चुनाव हुए, चाहे बिहार के चुनाव हों या फिर उत्तर प्रदेश के, अपनी डूबती नैया को उबारने के लिए गठबंधन के सहारे कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता कायम रखने का प्रयास करती रही है। 

डॉ. पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आपसी वैमनस्य को फैलाने वाला ऐसा ही एक ठगबंधन देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने को धर्मनिरपेक्ष बताती है, लेकिन पश्चिम बंगाल में वह हाल फिलहाल गठित अब्दुल सिद्दीकी के इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ गठबंधन कर रही है। इस गठबंधन को लेकर स्वयं कांग्रेस के अन्दर ही आतंरिक कलह की स्थिति पैदा हो गई है। 

कांग्रेस पार्टी ने जहां केरल में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के साथ गठबंधन किया है जो जमात-ए-इस्लामी की घटक है वहीं दूसरी ओर, असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करने के लिए प्रयासरत है। पहले भी कांग्रेस के साथ एआईयूडीएफ का गठबंधन रहा है जबकि यह सर्वविदित है कि टेरर फंडिंग को लेकर एआईयूडीएफ के खिलाफ एनआईए की जांच प्रक्रिया भी चल रही है।

उन्होंने कांग्रेस की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘जब देश विरोधी गतिविधियों के लिए किसी संगठन के खिलाफ जाँच प्रक्रिया चल रही हो, उनके साथ अपनी प्रासंगिकता बरकरार रखने के लिए येन केन प्रकारेण गठबंधन करना कहाँ तक उचित है?’’ 

डॉ पात्रा ने कहा कि कांग्रेस की कर्नाटक में देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक विंग एसडीपीआई के साथ भी सांठ गांठ रही है। यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र की पराकाष्ठा ही है कि पश्चिम बंगाल में एक तरफ जहाँ वह कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गठबंधन करती है वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस केरल में कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ती है। वास्तविकता यही है कि कांग्रेस को गठबंधन और गवर्नेंस से कोई मतलब नहीं है। 

कांग्रेस पार्टी और गाँधी परिवार का एकमात्र उद्देश्य है किसी भी प्रकार से सत्ता हासिल करना, भ्रष्टाचार फैलाना और उस राज्य को एटीएम में परिवर्तित करना ताकि गाँधी परिवार की महत्वाकांक्षा पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अब तक जितने भी गठबंधन किये हैं वो किसी अच्छे प्रदर्शन, अच्छे सुधारों या सुशासन के लिए नहीं किए हैं। ये गठबंधन केवल इसलिए किये कि किस प्रकार तथाकथित गांधी परिवार अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाएं रखें।

डॉ पात्रा ने कहा, ‘‘कांग्रेस की अपनी कोई विचारधारा नहीं बल्कि भ्रष्टाचार, परिवारवाद, धर्म और जातिवाद के नाम पर देश में वैमनस्य फैलाना ही उनकी विचारधारा है। कांग्रेस पार्टी एक तरफ आईएसएफ, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया, मुस्लिम लीग, एसडीपीआई और  एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करती है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र में शिव सेना के साथ पॉवर शेयरिंग करती नजर आती है। कांग्रेस के लिए इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है।’’

भाजपा प्रवक्ता ने दो-तीन साल पूर्व राहुल गाँधी द्वारा की गई स्वीकारोक्ति का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘एक बार गांधी ने कहा था कि हां हम मुसलमानों की पार्टी हैं, इस खबर को एक बड़े समाचार पत्र ने छापा भी था। लेकिन सत्य यही है कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी भी नहीं है, ये केवल घरवालों- रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका वाड्रा, राहुल गाँधी और सोनिया जी की पार्टी है। कांग्रेस जितनी भी दंड-बैठकी लगा ले, कितने भी गठबंधन कर ले, कांग्रेस पार्टी की नैया जो डूब चुकी है, अब वो फिर से उबरने वाली नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इस माह के अंत में पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव शुरू होने जा रहे हैं और इन राज्यों की जनता का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकासोन्मुखी सुशासन पर गहरा विश्वास कायम है और निश्चित रुप से इन राज्यों में भाजपा की जीत और ठगबंधन की हार होगी। उन्होंने कहा कि गुजरात में जिस प्रकार स्थानीय निकायों के चुनावी परिणाम आ रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि देश में बंटवारे की राजनीति नहीं बल्कि केवल और केवल विकास की राजनीति ही चलेगी।

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