चेन्नई। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को यहां कानूनी बिरादरी के लोगों से न्यायिक व्यवस्था को और अधिक सुगम तथा किफायती बनाने आव्हान किया। नायडू ने तमिलनाडु के डॉ आंबेडकर लॉ विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में कहा कि कानूनी प्रक्रिया में अधिक लागत सभी लोगों तक न्याय पहुंचाने में सबसे बड़ा रोड़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘आम जन की मानसिकता यह है कि किसी भी मामले को निपटाने की वैध प्रक्रिया में कई छिपे हुए पहलू होते हैं जो खर्च बढ़ाते हैं। हमें लोगों को कम पैसों में कानूनी प्रक्रिया उपलब्ध कराने के तरीके खोजने होंगे।’’
उन्होंने यह भी माना कि न्याय प्रदान कराने में काफी अधिक समय लगना भी बहुत बड़ी ंिचता का विषय है। न्याय में देरी, न्याय से वंचित करता है और न्याय में देरी न्यायालयों में लंबित मामलों को बढ़ाता है। यह बार-बार स्थगन और न्यायालयों में लंबी छुट्टियों के कारण होता है। उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ हमें न्याय में देरी की परेशानी को हल करना होगा और इसके लिए जो संभव हो वह करना चाहिए ताकि बिना किसी विलंब के आम जन को न्याय मिलता रहे।’’
उन्होंने कहा,‘‘ न्याय प्रक्रिया में बेहतरी के लिए अधिक न्यायालय, विशेष खंडपीठों और न्यायालयों में सभी पदों पर भर्ती होनी चाहिए। जहां भी संभव हो लोक अदालत और मोबाइल न्यायालय जैसे नवाचार पहलुओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। हमें वंचितों की मदद करने के लिए अनावश्यक खर्चों को खत्म करने का भरपूर प्रयास करना चाहिए। न्यायिक व्यवस्था को अभी और व्यवस्थित करने की जरूरत हैं।’’