नई दिल्ली। भारत ने जम्मू कश्मीर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम तथा अन्य सभी समझौतों के पूर्णत: पालन की सहमति का स्वागत करते हुए आज कहा कि वह हमेशा से हर मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से द्विपक्षीय बातचीत से समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन मुद्दों पर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने यहां नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों का इच्छुक है। हमने यह हमेशा कहा है कि हम सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण द्विपक्षीय ढंग से समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जहां तक दोनों देशों के बीच आतंकवाद और जम्मू कश्मीर की संप्रभुता सहित सभी प्रमुख मसलों पर भारत का रुख यथावत है। उसमें कहीं कोई बदलाव नहीं है।
पाकिस्तान से लगती सीमा पर अचानक हुए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में भारत और पाकिस्तान ने समूची नियंत्रण रेखा तथा उससे लगते सभी सेक्टरों में बुधवार रात से संघर्ष विराम तथा अन्य सभी समझौतों के पालन पर सहमति व्यक्त की है। भारत के सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक मेजर जनरल नोमन जकारिया के बीच पहले से स्थापित हॉटलाइन पर बातचीत के दौरान यह सहमति बनी। दोनों सैन्य अधिकारियों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में नियंत्रण रेखा तथा सभी सेक्टरों में स्थिति की समीक्षा की।
बातचीत के बाद दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों द्वारा जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि सीमा पर परस्पर लाभ तथा शांति बनाये रखने के लिए दोनों सैन्य अधिकारी एक दूसरे के मुख्य मुद्दों तथा चिंताओं का समाधान करने पर सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा पर तथा इससे लगते सभी सेक्टरों में संघर्षविराम तथा सभी समझौतों का बुधवार रात से पूरी सख्ती से पालन करने पर सहमति व्यक्त की है।
दोनों ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि उनके बीच बातचीत के लिए स्थापित हॉटलाइन की व्यवस्था जारी रहेगी तथा किसी भी गलतफहमी के समाधान के लिए फ्लैग मीटिंग का इस्तेमाल किया जायेगा। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर 2003 से संघर्ष विराम लागू है लेकिन पाकिस्तान समय-समय पर इसका उल्लंघन करता रहा है। जम्मू कश्मीर में वर्ष 2017 में 213, 2018 में 215, 2019 में 153 , 2020 में 221 और 2021 में अब तक नौ आतंकवादी विभिन्न मुठभेड़ों तथा अभियानों में मारे गये हैं। पाकिस्तान ने वर्ष 2018 में 1629, 2019 में 3168 और 2020 में रिकार्ड 4645 बार संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं हुई। यहां तक कि इस वर्ष भी 25 फरवरी तक 591 बार संघर्ष विराम उल्लंघन किया गया।