नई दिल्ली। सरकार ने इंटरनेट मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसमें शिकायत के 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। इसके साथ ही कंपनियों को एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा। अब नेटफ्लिक्स-अमेजन जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म हों या फेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सबके लिए सख्त नियम बन गए हैं। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार शिकायत के 24 घंटे के अंदर इंटरनेट मीडिया से आपत्तिजनक कंटेंट को हटाना होगा। इसके अलावा कंपनियों को एक शिकायत निवारण तंत्र रखना होगा और शिकायतों का निपटारा करने वाले अधिकारी को भी रखना होगा।
24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण होगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करना होगा। सरकार तीन महीने में डिजिटल कंटेंट को नियमित करने वाला कानून लागू करने की तैयारी में है। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और संचार एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गुरुवार को यहां इस दिशानिर्देश को जारी करते हुए संवाददाताओं को ये जानकारी दी। प्रसाद ने कहा कि भारत में इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्मों का व्यापार करने के लिए स्वागत है। सरकार आलोचना के लिए तैयार है, लेकिन इंटरनेट मीडिया के गलत इस्तेमाल पर भी शिकायत का फोरम होना चाहिए। इसका दुरुपयोग रोकना जरूरी है।
उन्होंने बताया कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के 40 करोड़ से अधिक और ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर हैं। भारत में इनका काफी इस्तेमाल होता है, लेकिन जो चिंताएं हैं उसे लेकर काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाले कंटेंट को लेकर दिशानिर्देश बनाने के लिए कहा था। उसके निर्देश पर सरकार ने दिशानिर्देश तैयारी की हैं। सोशल मीडिया के लिए बनाए गए महत्वपूर्ण कानूनों को तीन महीने के भीतर लागू किया जाएगा, ताकि वे अपने तंत्र में सुधार कर सकें। बाकी नियमों को अधिसूचित किए जाने के दिन से लागू होंगे।