इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पत्रकार असद तूर पर अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर देश, संस्थानों और सेना के खिलाफ 'नकारात्मक प्रचार' करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
रावलपिंडी निवासी हाफिज एहतेशाम अहमद ने यह प्राथमिकी दर्ज करायी है। अहमद ने दावा किया है कि तूर ने पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान सेना सहित उच्च-स्तरीय सरकारी संस्थानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया जो कानून के मुताबिक घोर अपराध है। पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर एफआईआर की एक कॉपी पोस्ट की है और इसे 'दुखद गतिविधि' करार दिया है। उन्होंने न्यायपालिका से अपील की कि वह मीडिया के मामलों से मुखातिब हों।
उन्होंने कहा,'माई लॉर्ड न्यायपालिका की स्वतंत्रता का निर्धारण तभी किया जा सकता है, जब आप पाकिस्तान में मीडिया से मुखातिब होंगे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता रहेगी क्योंकि इसका सर्वोच्च न्यायालय संवैधानिक रूप से देश के अतिक्रमण से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। इस बात की जांच होनी चाहिए कि हम पत्रकार देशद्रोही हैं या उस लोकतांत्रिक पाकिस्तान की छवि को धूमिल कर रहे हैं जो अपने कानून अपनाने वाले नागरिकों के खिलाफ फासीवादी रणनीति का उपयोग कर रहा है।'
तूर के खिलाफ मामला अपनी राय और विचारों को बेबाकी से प्रसारित करने वाले पत्रकारों को लक्षित करने वाली घटनाओं की एक श्रृंखला में नवीनतम है। तूर को पाकिस्तान की पत्रकार बिरादरी का समर्थन मिल रहा है। वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने ट्वीट किया कि जो लोग पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज कर रहे हैं वे देश के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।