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सेवा रहा है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन का प्रमुख लक्ष्य : जे पी नड्डा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 15 2020 12:21AM | Updated Date: Sep 15 2020 12:22AM
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गौतमबुद्धनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 70वें जन्मदिवस को सेवा सप्ताह के रूप में मना रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को कहा कि मोदी ने सही मायनो में देश में राजनीतिक संस्कृति को बदला और विकास की कार्य संस्कृति की शुरूआत की।
 
ग्राम छपरौल में ‘सेवा सप्ताह‘ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुये नड्डा ने कहा कि मोदी इस वर्ष 17 सितंबर को अपने जीवन के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं, इसलिए इस बार के ‘सेवा सप्ताह‘ कार्यक्रम की थीम भी ‘70‘ रखी गई है। इस ‘सेवा सप्ताह‘ कार्यक्रम के दौरान 14 से 20 सितंबर तक हर जिले में 70 स्थानों पर सेवा भाव के साथ स्वच्छता कार्यक्रम, ब्लड डोनेशन, प्लाज्मा डोनेशन, दिव्यांगों को उपकरणों का वितरण, अस्पतालों एवं गरीब बस्तियों में फलों का वितरण और वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
 
इसके साथ ही हर जिले में पार्टी कार्यकर्ता कम से कम 70 लोगों को ‘सेवा सप्ताह‘ कार्यक्रम से ‘सेवाव्रती‘ के रूप में जोड़ेंगे। इसके अलावा हर जिले में 70 वर्चुअल रैलियाँ भी आयोजित की जायेगी। उन्होने कहा कि विश्व की महान शख्सियत मोदी के जीवन का प्रमुख लक्ष्य ‘सेवा’ रहा है। समाज सेवा, राष्ट्र सेवा और समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सेवा ही उनके जीवन का ध्येय रहा है और यह भाव उनमें बचपन से रहा है। उनके बाल्य जीवन पर बनी फिल्म ‘चलो जीते हैं‘ का जिक्र करते हुए नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए इसका मतलब है - चलो, दूसरों के लिए जीते हैं।
 
उनके बचपन की एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किस तरह बालक नरेन्द्र ने अपनी प्राइज मनी से अपने साथी के लिए स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराने में मदद की थी। 10-12 साल की उम्र से ही दूसरों के लिए जीने वाले व्यक्तित्व मोदी ने अपना संपूर्ण जीवन समाज के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2014 में मोदी केवल देश के प्रधानमंत्री ही नहीं बने बल्कि उन्होंने देश की राजनीतिक संस्कृति को भी बदल कर रख डाला और विकास की कार्य संस्कृति की शुरुआत की।
 
पहले नेता जनता से वादे करते थे और फिर वादों से बेवफाई करते हुए उसे भूल जाते थे। लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इस तरह का भाव जागा है कि चुने गए हैं तो काम करेंगे, इसके साथ-साथ जनता की सेवा करेंगे और अपना रिपोर्ट कार्ड लेकर जनता के बीच जायेंगे और उन्हें बताएँगे। अब देश की जनता भी भलीभांति समझने लगी है कि मोदी ने किस तरह देश की राजनीतिक संस्कृति को बदलते हुए विकास की कार्य संस्कृति विकसित की है।
 
नड्डा ने कहा कि पहले राजनीति में शुरू में ‘सेवा’ के बदले ‘मेवा‘ खाने का काम होता था। आज समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीबों, दलितों, पीड़ितों, शोषितों और वंचितों को मुख्यधारा में लाने का काम हो रहा है। 2014 में आजादी के 70 साल बाद भी देश के 18,000 गाँव और ढाई करोड़ से अधिक घर बिजली से वंचित थे और अंधेरे में जीने को विवश थे। ये प्रधानमंत्री मोदी हैं जिन्होंने न केवल हर गाँव और हर घर में बिजली पहुंचाई बल्कि 8 करोड़ से अधिक गरीब महिलाओं को गैस का कनेक्शन दिया, 32 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खुलवाये और किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सहायता राशि भी पहुंचाई।
 
लॉकडाउन के समय तीन महीने तक मोदी सरकार ने गरीब महिलाओं को तीन मुफ्त गैस सिंिलडर उपलब्ध करवाई। साथ ही, देश के 80 करोड़ लोगों के लिए मार्च से नवंबर तक मुफ्त राशन का भी प्रबंध किया। लॉकडाउन के तीन महीनों में 20 करोड़ महिला जन-धन खाता धारकों के एकाउंट में 1500 रुपये (500-500 रुपये की तीन किस्तें) पहुंचाई गई।         
 
नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आयुष्मान भारतश् की शुरुआत कर देश के 50 करोड़ से अधिक लोगों को पांच लाख रुपये सालाना स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति सबको अवसर देगी और बराबर का अवसर देगी। नई शिक्षा नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि भारत और भारतीय भाषाओं का विकास हो सके। शिक्षा नीति में भी परिवर्तन लाने का काम मोदी ने ही किया है। 
 
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