नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर रेलवे का निजीकरण नहीं करने के अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने 109 रेलों का संचालन निजी हाथों को देने की प्रक्रिया शुरु कर दी है और उसे बताना चाहिए कि किस आधार पर यह कदम उठाया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि रेल सबसे फायदे वाला विभाग है और देश के गरीबों के सफर का आधार है।
भारतीय रेलवे विश्व का प्रमुख और एशिया का दूसरे नंबर का नेटवर्क है जिसमें लगभग ढाई करोड़ लोग प्रतिदिन आवागमन करते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे दुनिया में रोजगार देने वाले संस्थानों में सातवें स्थान पर है लेकिन अचरज की बात यह है कि सरकार इस बडे नेटवर्क का निजीकरण कर रही है। उनका कहना था कि सरकार को बताना चाहिए कि वह किस आधार पर इसका निजीकरण कर रही है।
यदि रेलवे अपनी सेवाएं देने में विफल रहता और रोजगार में असफल रहता तथा भयंकर घाटे में चल रहा होता तो भी बात समझ आती लेकिन यहां कुछ गडबडी नहीं है फिर भी सरकार इसके निजीकरण की अपनी जिद्द पर अडी है। प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने 17 मार्च को संसद में बड़ा स्पष्ट कहा था कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा इसके बावजूद वह इसके निजीकरण की तरफ हाथ बढा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि यह निजीकरण नहीं है लेकिन यह निजीकरण की प्रक्रिया है और सरकार सिर्फ शब्दों के जाल में फंसा रही है।