नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने मंगलवार को कहा कि देश में इस्पात इस्तेमाल बढ़ाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की निगरानी के लिए एक कार्यकारी समूह का गठन किया जायेगा। केंद्रीय मंत्री ने निर्माण और आधारभूत ढांचा क्षेत्र में इस्पात के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के विषय पर आयोजित वेबीनार में कहा कि किसी भी देश के आर्थिक विकास में इस्पात उद्योग एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। भारत दुनिया का दूसरा बड़ा इस्पात उत्पादक देश बन गया है और हमारी क्षमता गुणवत्तापूर्ण उत्पाद की है लेकिन देश में इस्पात की खपत पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस्पात खपत के मामले में वैश्विक औसत के मुकाबले देश में इस्ताप की खपत प्रति व्यक्ति करीब एक-तिहाई कम है और इस दिशा में पर्याप्त प्रयास किये जाने की जरूरत है। उन्होंने वेबीनार में शामिल अन्य प्रतिभागियों से कहा कि वह इस्पात के इस्तेमाल की निगरानी के गठित होने वाले कार्यकारी समूह के लिए अपनी-अपनी सिफारिशें दें, जिन्हें लागू किया जायेगा। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि इस्पात सिर्फ एक धातु नहीं है , यह मस्तिष्क की एक अवस्था है।
समावेशी विकसित राष्ट्र बनने के लिए भारत का इस्पाती इरादा है। यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, गरीबों की स्थिति बेहतर करने, पर्यावरण को बेहतर बनाने और देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है। ‘इस्पातीइरादा’ अभियान का मुख्य उद्देश्य देश में इस्पात का समुचित उपयोग को बढ़ावा देना और इसे पर्यावरण के अनुकूल, कम लागत वाले और मजबूत धातु के रूप में स्थापित करना है।