लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में विज्ञान पढ़ाने वाली एक टीचर ने एक ही साथ 25 स्कूलों में कथित तौर पर 'काम' करके 13 महीनों में एक करोड़ रुपये की सैलरी कमाई। टीचर्स का डेटाबेस तैयार करते वक्त यह गड़बड़झाला सामने आया। यूपी के प्राइमरी स्कूलों में टीचर्स के अटेंडेंस की रियल टाइम मॉनिटरिंग के बावजूद अनामिका शुक्ला नाम की यह टीचर ऐसा कर पाने में सफल रही। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
अनामिका शुक्ला ने रायबरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी के वाट्सऐस पर अपना इस्तीफा भेज दिया है। इस्तीफा भेजने के बाद से गायब अनामिका शुक्ला की जोरों से तलाश चल रही है। मैनपुरी जिले के हसनपुर निवासी शिक्षिका अनामिका शुक्ला पर कई जनपदों में कूटनीतिक दस्तावेज लगाकर कार्य करने का आरोप है। संतोषजनक स्पष्टीकरण ना मिलने पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अनामिका के खिलाफ केस भी दर्ज होगा। अब आरोपी शिक्षिका अनामिका शुक्ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर मानदेय की रिकवरी की तैयारी की बात की जा रही है। जांच के बाद एफआईआर दर्ज होगी। इसमें भी देखा जा रहा है कि किस बैक एकाउंट से यह पूरा फर्जीवाड़ा ऑपरेट किया गया। शिक्षिका अनामिका शुक्ला ने व्हाट्सएप पर इस्तीफा भेजा है। यह प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। उसका मोबाइल भी बंद है।
रायबरेली के बीएसए आनंद प्रकाश ने अनामिका शुक्ला के कई जिलों से वेतन आहरित होने के मामले में अनुसार, छह जिलों में लेटर भेजकर सर्व शिक्षा अभियान की तरफ से अनामिका शुक्ला टीचर को चेक करने के लिए कहा गया था। उस लिस्ट में रायबरेली का नाम शामिल नहीं था। इसके बावजूद चेक कराया गया तो पाया गया कि बछरावां केजीबीवी में काम करती है। इस पर उसे नोटिस भेजा गया था। इस दौरान टीचर को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं आई। उसने 26 मई 2020 को वॉट्सऐप पर अपना इस्तीफा भेजा था। कार्यालय आकर किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं दिया।