नई दिल्ली। भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने कहा है कि व्यक्तिगत एवं राजनीतिक फायदे को लेकर हाल के दिनों में उच्चतम न्यायालय को निशाना बनाये जाने की घटना में बढ़ोतरी हुई है, जो इस संस्थान को कमजोर करने की सोची समझी साजिश का हिस्सा है। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा की ओर से देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि कुछ असंतुष्ट वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व न्यायाधीश सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक और ंिप्रट मीडिया के माध्यम से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ छींटाकशी करके न्यायपालिका को अपमानित करने में जुटे हैं।
मिश्रा ने पूर्व न्यायाधीश मदन बी लोकुर की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए कहा है कि यह बयान पूरी न्यायपालिका के प्रभुत्व को कमजोर करने की साजिश है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘हमने न्यायमूर्ति लोकुर को यह उपदेश देते सुना है कि न तो किसी वकील को और न ही किसी जज को कोई ऐसा कार्य करना चाहिए जिससे न्यायपालिका के प्रति जनता का विश्वास डगमगा जाये। अब वह खुद ही वैसे लोगों (साजिशकर्ताओं) का हिस्सा बन चुके हैं और अपने सिद्धांत से विमुख हो चुके हैं।’’
मिश्रा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय प्रवासी मजदूरों के मसले पर सुनवाई कर रहा है और कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी सरकार को बदनाम करने के लिए कोर्ट को प्रभावित करना चाहते हैं और ऐसे में इस तरह के बयान आशंकाओं को जन्म देते हैं। उन्होंने कहा कि ये तथाकथित बुद्धिजीवी अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए न्यायपालिका पर हमले करते हैं।