गांधीनगर। कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच गुजरात से प्रवासी श्रमिकों को दूसरे राज्यों में उनके घर भेजने का लगभग एक माह लंबा अभियान आज समाप्त हो रहा है और इस दौरान 1000 से अधिक विशेष रेलगाड़यिों के जरिये 15 लाख से ज्यादा ऐसे मजदूर वापस लौटे हैं। राज्य के श्रम एवं नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा श्रमिकों की वापसी के लिए नोडल अधिकारी विपुल मित्रा ने बताया कि इस प्रमुख पश्चिमी औद्योगिक राज्य से दो मई से आज तक 1017 ट्रेनों के जरिये 15 लाख 18 हजार मजदूर अपने अपने राज्यों में लौटे हैं। गुजरात इस मामले में शीर्ष राज्य है। दूसरा नंबर महाराष्ट्र का है जहां से 800 ट्रेनों से 11 लाख 76 हजार मजदूर लौटे हैं जबकि तीसरे नंबर पर आने वाले पंजाब से 399 ट्रेनों से पांच लाख 14 हजार और चौथे क्रम पर रहे दिल्ली से 234 ट्रेनों से दो लाख 91 हजार मजदूर लौटे हैं।
गुजरात ने देश भर में एक मई से चली ऐसी कुल श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों में से एक चौथाई का संचालन किया है। गुजरात श्रमिकों की वापसी का काम पूरा करने वाला देश का पहला राज्य है। आज अंतिम दिन राज्य से कुल सात श्रमिक विशेष ट्रेने चलायी जा रही हैं। गुजरात से कुल 16 राज्यों के मजदूर घर वापस लौटे हैं जिनमें से सर्वाधिक आठ लाख 20 हजार उत्तर प्रदेश के हैं। इस मामले में दूसरा नंबर बिहार का है जहां के साढ़े तीन लाख मजदूर लौटे हैं। तीसरे स्थान पर ओडिशा है जहां के एक लाख 31 हजार मजदूरों की वापसी हुई है। यहां से असम, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, हिमालच प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तराखंड, तमिलनाडु, जम्मू कश्मीर तथा तमिलनाडु और केरल के मजदूर भी वापस लौटे हैं।
मित्रा ने बताया कि राज्य में अलग अलग स्थानों से श्रमिक विशेष ट्रेन चलाये गये। सर्वाधिक छह लाख 45 हजार मजदूर हीरा और कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर सूरत जिले से लौटे। दूसरा नंबर अहमदाबाद का रहा जहां से दो लाख 63 हजार मजदूर लौटे। राजकोट से एक लाख दो हजार तथा वडोदरा और वलसाड से क्रमश:56 हजार और 55 हजार मजदूरों की वापसी हुई है।