नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जूझ रहे देश की मदद करने के लिए कई बड़े-बड़े दिग्गजों ने अपना हाथ किया और देश का सहयोग करने में मदद की है। इसी तरह से नरेंद्र मोदी सरकार ने भी कोरोना से लड़ने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रधानमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों की सैलरी में 30 फीसदी की कटौती करने का फैसला लिया है और यह कटौती एक साल तक जारी रहेगी। बता दें कि कोरोना के कारण देश की आर्थिक व्यवस्था चरमारा गई है। जिसको कवर करने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इसको लेकर केन्द्र सरकार आज अध्यादेश जारी करेगी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद अधिनियम, 1954 के सदस्यों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दे दी। 1 अप्रैल, 2020 से एक साल के लिए भत्ते और पेंशन को 30 फीसदी तक कम किया है। बता दें कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से सामाजिक ज़िम्मेदारी के रूप में वेतन कटौती का फैसला किया है।
और यह धनराशि भारत के समेकित कोष में जाएगा पैसा। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कोविड 19 के प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए 2020-21 और 2021-22 के लिए सांसदों को मिलने वाले MPLAD फंड को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है। इसी तरह से 2 साल के लिए MPLAD फंड के 7900 करोड़ रुपए का उपयोग भारत की संचित निधि में किया जाएगा। बता दें कि अब तक देश में कोरोना के कारण 109 मौतें हो चुकी है और साथ ही 4000 के पार लोग संक्रमित हो चुके हैं।