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बहुत बड़ी खुशखबरी : कोविड-19 का टीका तैयार, रिसर्च में पहला प्रयोग सफल, अब..

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 4 2020 12:53PM | Updated Date: Apr 4 2020 12:56PM
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नई दिल्ली। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए हैं, लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने ऐसा टीका तैयार कर लिया है, जिससे कोविड-19 को मारा जा सकता है, रोका जा सकता है। ये वैज्ञानिक पहले से ही चीन से ही निकले दो और वायरस सार्स (SARS) और मर्स (MERS) पर काम कर चुके थे, इसीलिए इन्होंने इतनी जल्दी खुशखबरी सुनाई है। अमेरिका के पिट्सबर्ग के एक मेडिसिन स्कूल के वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने जो नई वैक्सीन तैयार की है, उससे नोवल कोरोना वायरस को मारा जा सकता है।
 
दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद 10 लाख से भी कहीं ज्यादा हो चुकी है और करीब 50 हजार लोगों की इसकी वजह से मौत भी हो चुकी है। इसीलिए दुनिया भर के वैज्ञानिकों पर दबाव है कि वह जल्दी से जल्दी इसकी रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन तैयार करें। ऐसी स्थिति में अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन ने मानवता की रक्षा के लिए उम्मीद की बहुत बड़ी किरण जगा दी है।
 
इसके वैज्ञानिकों का दावा है कि वो कोविड-19 को मारने लायक टीका विकसित कर चुके हैं। नई बात ये है कि नया टीका पुराने टीकों से अलग तरह का है। अमेरिकी वैज्ञानिकों के मुताबिक इन्होंने पुराने कोरोना वायरस यानि सार्स और मर्स पर काम किया था, इसलिए नोवल कोरोना वायरस (Covid-19) को मारने लायक वैक्सीन विकसित करने में जल्द सक्षम हो पाए हैं। क्योंकि, नोवल कोरोना वायरस उन पहले के दोनों वारयसों से काफी हद तक मिलत-जुलते हैं।
 
पिट्सबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन की एसोसिएट प्रोफेसर एंड्रिया गैम्बोट्टो के मुताबिक 'हमें अच्छी तरह पता है कि नोवल कोरोना वायरस से कैसे लड़ना है।' क्योंकि उन दोनों कोरोना वायरस से इन्होंने ये सीखा है कि इन तीनों के स्पाइक प्रोटीन को तबाह करना बहुत जरूरी है, जिससे कि इंसान को ये वायरस सक्रमित न कर सके। वैज्ञानिकों ने अपनी नई वैक्सीन को सबसे पहले चूहे पर इस्तेमाल करके देखा है, जिसके नतीजे बहुत ही सकारात्मक रहे हैं। प्रोफेसर एंड्रिया ने कहा है कि उन्होंने ये पता कर लिया है कि इस वायरस को कैसे मारना है और उसे कैसे मात देनी है। इन वैज्ञानिको ने नए वैक्सीन का नाम 'पिटगोवैक' (PittGoVacc) रखा है।
 
प्रोफेसर एंड्रिया ने बताया है कि इस वैक्सीन की वजह से चूहे के शरीर में इस तरह के एंटीबॉडीज पैदा हुए, जो नोवल कोरोना वायरस की रोकथाम में कारगर हैं। अमेरिकी वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड-19 या नोवल कोरोना वायरस को शरीर को संक्रमित करने से रोकने के लिए जितनी एंटीबॉडीज की आवश्यकता है, उतनी नई वैक्सीन 'पिटगोवैक' से पूरी हो रही है और वे बहुत ही जल्दी मानव पर इसके टेस्ट शुरू करने की तैयारी में हैं।
 
हालांकि, ये नई वैक्सीन सामान्य वैक्सीन से अलग तरह की है। यह उंगली के टिप जैसा एक चौकोर पैच की शक्ल में तैयार किया गया है, जिसे शरीर पर कहीं भी चिपकाया जा सकता है। इस पैच में शक्कर की बनी हुई 400 से अधिक सूक्ष्म सुइयां हैं, जो शरीर पर आसानी से चिपक जाती है और उसके जरिए दवा अंदर पहुंचाया जाता है। टीका देने का यह तरीका बेहद नया है और इंसान पर इसका परीक्षण शुरू होने वाला है। अभी यह नहीं बताया गया है कि इस टीका का इंसानों पर ट्रायल कब तक पूरा होने की उम्मीद है ताकि दवा बनने में हो रही देरी की सूरत में इसकी रोकथाम ही शुरू हो सके, जिससे इसके फैलाव पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके।
 
वैसे वैज्ञानिकों की टीम इसलिए बहुत ज्यादा उत्साहित है कि उन्होंने पिछले साल मर्स वायरस के लिए जो टीका तैयार किया था, वह बहुत ही कारगर साबित हुआ था। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अभी ये भी नहीं बताया है कि उन्होंने चूहों पर जो ट्रायल किया है, उस दौरान एंटीबॉडी का असर उनके शरीर पर कितने वक्त तक रहा या कितने वक्त तक रहने का अनुमान है।
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