पन्ना। कोरोना वायरस से बचाव के मद्देनजर मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के आदिवासी विभिन्न प्रकार के वृक्षों के पत्ते का मास्क बनाकर उपयोग कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार आदिवासी बहुल क्षेत्र कल्दा पठार सहित जंगल से लगे ग्रामों में निवास करने वाले लोग विभिन्न प्रजाति के वृक्षों के पत्तों से मास्क बनाकर उनका उपयोग कर रहे हैं।
समाजसेवी युसूफ बेग ने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व से लगे ग्राम पंचायत जरधोवा के आदिवासी कोरोना वायरस के खतरे से वाकिफ हैं और वे इस समय सामाजिक दूरी बनाने के साथ-साथ पत्ता मॉस्क का भी बकायदा उपयोग कर रहे हैं। चूंकि यह समय खेती किसानी का है, रबी सीजन की फसलें खेतों में पककर कटने को तैयार खड़ी हैं। जिसे देखते हुए आदिवासी कोरोना के डर से घर में बैठने के बजाय पूरी सतर्कता और एहतियात बरतते हुए मुंह में पत्ते का मास्क लगाकर कटाई के कार्य में जुटे हुए हैं।
आदिवासी कोरोना वायरस के संक्रमण को विफल करने के लिए अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने के लिए जंगली जड़ी बूटियों का भी सेवन कर रहे हैं। आदिवासियों का कहना है कि कुछ ही दिनों पहले उन्होंने इस छुआछूत की बीमारी के बारे में सुना है। इससे बचने के जो उपाय बताए जा रहे हैं उनको हम अपना नहीं सकते, इसलिए हमारे पास यही रास्ता था कि हम पेड़ पौधों और जंगल की शरण में जाएं और यहीं से बचाव का साधन तैयार करें। अब हम सामाजिक दूरी बनाते हुए पत्तों का मास्क बनाकर पहन रहे हैं।