श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती समेत सभी राजनेताओं की हिरासत से जल्द रिहाई की उम्मीद जताते हुए बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के कारण देश तीन हफ्ते का लॉकडाउन झेल रहा है और ऐसे समय में इन नेताओं को हिरासत में रखना क्रूरता है।
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत पिछले महीने हिरासत में ली गयीं सुश्री महबूबा मुफ्ती, नईम अख्तर, अली मोहम्मद सागर, शाह फैसल और दो अन्य वरिष्ठ नेताओं को अभी भी हिरासत में रखा गया है जबकि पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए हटाये जाने के बाद गिरफ्तार किये गये कई नेता और कर्मचारी अभी भी जेलों में हैं।
अबदुल्ला ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘इस समय महबूबा मुफ्ती और अन्य लोगों को हिरासत में रखना क्रूरता है। पहली बात तो इन लोगों को हिरासत में रखना कभी भी सही नहीं था और तीन हफ्तों के लॉकडाउन के दौरान हिरासत में रखा जाना तो पूरी तरह गलत है। मुझे उम्मीद है कि प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय उन्हें जल्द ही रिहा करेंगे।’’ गौरतलब है कि अब्दुल्ला को आठ माह की हिरासत के बाद मंगलवार को रिहा कर दिया गया। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा अब्दुल्ला के खिलाफ पीएसए हटाये जाने के बाद उन्हें रिहा किया गया।
जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों और धारा 35ए को हटाये जाने के बाद अब्दुल्ला को राज्य के कई अन्य बड़े राजनीतिक नेताओं के साथ ही नजरबंद कर दिया गया था। अब्दुल्ला पर कुछ दिन पहले पीएसए लगाया गया था। लगभग दो स्पताह पहले उनके पिता और नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष और सांसद फारुख अब्दुल्ला को भी रिहा किया गया है।