मध्यप्रदेश में कई दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद सोमवार रात को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और मंगलवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। कमलनाथ की 15 महीने की सरकार गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही। अब सिंधिया के पुराने साथी रहे दिग्विजय सिंह ने उनपर जनादेश को नीलाम करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की और प्रदेश के विकास में सहयोग करने का आश्वासन दिया।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश के विकास के लिए विपक्षी दल कांग्रेस के सहयोग का आश्वासन दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने चौहान से उनके निवास पर मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला। मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रदेश के विकास के लिए हम उनके साथ हैं।'
दिग्विजय ने कहा कि मुझे बेहद दुख है कि सिंधिया उस वक्त भाजपा में गए, जब भाजपा खुलकर आरएसएस के असली एजेंडा को लागू करने के लिए देश को पूरी तरह बांट रही है। कुछ लोग यह कह रहे हैं कि सिंधिया को कांग्रेस में उचित पद और सम्मान मिलने की संभावना समाप्त हो गई थी, इसलिए वह भाजपा में चले गए। लेकिन ये गलत है। यदि वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनना चाहते थे, तो ये पद उन्हें 2013 में ही ऑफर हुआ था और तब उन्होंने केंद्र में मंत्री बने रहना पसंद किया था।