मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इसका सबसे बड़ा कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। जबसे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ा है तब से कांग्रेस पार्टी पर संकट मंडरा रहा है। जब से कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दिया है। तभी से भारतीय जनता पार्टी के कई नेता मध्य प्रदेश के सीएम बनने के सपने देख रहे हैं।
सिंधिया के साथ-साथ अन्य 22 विस्भधाय इस्तीफे दिए थे जिसके बाद भाजपा को यह बात खटक गई थी कि अब कमलनाथ सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। इस संबंध में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की थी। मध्य प्रदेश के राज्यपाल की तरफ से भी फ्लोर टेस्ट के लिए कमलनाथ सरकार को दोबारा खत लिखे जा चुके थे।
कमलनाथ ने भले ही सीएम पद से इस्तीफा दे दिया हो लेकिन अब वह बड़ा दांव चलने की तैयारी में हैं जिसके चलते एमपी में भाजपा की सरकार नहीं बना पाएगी। दरअसल कमलनाथ अब इस कोशिश में लगे हैं कि किसी तरह विधानसभा ही बंद करवा दिया जाए। इस लिए अपने सभी विधायकों का सामूहिक इस्तीफा राज्यपाल को दे सकते हैं। हालांकि, गवर्नर इस मांग को मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। फिर भी बिना विपक्ष के सरकार बनाना और चलाना नैतिक रूप से उचित नहीं होगा। ऐसे में राज्यपाल विधानसभा भंग कर करने की मांग मान सकते हैं। ऐसे में दोबारा चुनाव करवाने होंगे।