नई दिल्ली। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान ने दिल्ली हिंसा पर एक बड़ा बयान दिया है। इस हिंसा को लेकर राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्डोगान ने भारत की आलोचना की। उन्होने दिल्ली में मुस्लिमों का नरसंहार का आरोप लगाते हुए कहा कि हिन्दू मुस्लिमों का नरसंहार कर रहे है। तुर्की राष्ट्रपति ने अंकारा में अपने भाषण में कहा, ‘वर्तमान में भारत एक ऐसा देश बन गया है जहां नरसंहारों को अंजाम दिया जा रहा है।’ उन्होंने सवाल किया, किसका नरसंहार? मुस्लिमों का नरसंहार। कौन कर रहा है- हिंदू। जामिया का नाम लिए बिना उन्होने कहा, भीड़ ने ट्यूशन सेंटरों में पढ़ रहे मुस्लिमों के बच्चों को लोहे की रॉड से पीटा जैसे कि वे उन्हें मारना चाहते हों।
उन्होने आगे कहा, ‘ये लोग कैसे वैश्विक शांति स्थापित होने देंगे? ये असंभव है। भाषण देते वक्त- क्योंकि उनकी आबादी ज्यादा है- वे कहते हैं कि हम मजबूत हैं लेकिन ये ताकत नहीं है।’ एर्दोगान की इस टिप्पणी पर भारत के स्थायी मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी विमर्श आर्यन ने कहा, ‘मैं तुर्की को केवल यही सलाह दे सकता हूं कि भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने से दूर रहे और घरेलू राजनीति की समझ बेहतर करे।
इससे पहले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने गुरुवार को कहा कि भारत में मुसलमान खतरे में है। ओआईसी ने ट्वीट किया, भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हालिया हिंसा में तमाम मौतें हुईं और मासूम लोग जख्मी हुए जो खतरे की घंटी है। नई दिल्ली में हुई हिंसा में मुस्लिमों की संपत्ति और मस्जिदों को नुकसान पहुंचाए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं। संगठन ने कहा कि इन घृणित कृत्यों के पीड़ित के परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं।