कनाडा के आरोपों पर पेंटागन के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ साथी माइकल रुबिन का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जस्टिन ट्रूडो एक राजनेता के रूप में काम कर रहे थे। वह बहुत अदूरदर्शी थे, और किसी को भी व्यापार नहीं करना चाहिए, उनका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ दीर्घकालिक संबंधों के लिए अल्पकालिक राजनीति सही नहीं है। माइकल रुबिन ने यह भी कहा कि मुझे संदेह है कि संयुक्त राज्य अमेरिका 2 दोस्तों के बीच चयन करने के लिए कोने में नहीं रहना चाहता, लेकिन अगर हमें दो दोस्तों में से एक को चुनना है, हम इस मामले में भारत को सिर्फ इसलिए चुन रहे हैं क्योंकि निज्जर एक आतंकवादी था और भारत बहुत महत्वपूर्ण है। हमारा रिश्ता बहुत महत्वपूर्ण है। शायद कनाडाई प्रीमियर के लिए ज्यादा समय नहीं रखते हैं, और तो हम उसके जाने के बाद रिश्ते को दोबारा बना सकते हैं।
इसी कड़ी में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के मामले में भारत की संलिप्तता के जो आरोप लगाए हैं उनसे अमेरिका बेहद चिंतित है। ब्लिंकन ने साथ ही कहा कि ये जरूरी है कि भारत इस मामले की जांच में कनाडा के साथ मिलकर काम करे। विदेश मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका इस विषय पर भारत सरकार के साथ सीधे संपर्क में है। खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद जारी है। बता दें, कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को हुई निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के ट्रूडो के आरोपों के बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ।
भारत के खिलाफ पीएम ट्रूडो के आरोपों को लेकर ब्लिंकन ने यह भी कहा कि मुझे इसके बारे में कुछ बातें कहनी है। पहली, प्रधानमंत्री ट्रूडो ने जो आरोप लगाए हैं उन्हें लेकर हम काफी चिंतित हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि हम लगातार कनाडाई सहयोगियों के साथ बातचीत कर रहे हैं, न सिर्फ बातचीत बल्कि इस मुद्दे पर सहयोग भी कर रहे हैं और हमारे लिए जरूरी है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े, साथ ही यह भी जरूरी है कि इस जांच में भारत कनाडा के साथ काम करे। उन्होंने कहा, हम जवाबदेही चाहते हैं और यह अहम है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़े और किसी निष्कर्ष तक पहुंचे। ब्लिंकन से उन रिपोर्ट के बारे में भी पूछा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्यक्तिगत तौर पर यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया है।
ब्लिंकन ने कहा कि हम इस मसले पर भारत सरकार के साथ भी सीधे संपर्क में हैं। मेरा मानना है कि जो सबसे सकारात्मक चीज इस वक्त हो सकती है, वह यह है कि जांच आगे बढ़े और पूरी हो। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे भारतीय मित्र इस जांच में सहयोग करेंगे। कनाडा ने हालांकि अपने आरोपों के संबंध में कोई सबूत साझा नहीं किया है लेकिन वहां की मीडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में कनाडाई सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा है कि सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप इंसानी तथा खुफिया जानकारी और ओटावा के फाइव आइज खुफिया नेटवर्क के एक सहयोगी देश से मिली गोपनीय सूचनाओं पर आधारित हैं। बता दें, फाइव आइज खुफिया नेटवर्क में कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड शामिल हैं।