वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका अब मिलकर काम करेंगे। इन देशों के वैज्ञानिक कोरोना को लेकर अनुसंधान, दवाओं को विकसित करने या उनका पुन: उपयोग करने में सहयोग करेंगे। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह बात कही गई है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के बयान के अनुसार, कोविड-19 के खिलाफ नई कुशल दवाओं की खोज के लिए जैव सूचना विज्ञान, कार्बनिक रसायन विज्ञान, औषधीय रसायन विज्ञान, ड्रग स्क्रीनिंग और पैरासिटोलॉजिस्ट के विशेषज्ञों का एकसाथ मिलकर काम करना इस जंग में बहुत अहम साबित होगा।
विभाग ने बयान में कहा कि ब्रिक्स देशों के विभिन्न क्षेत्रों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के प्रयासों, ज्ञान और अनुभव से स्वास्थ्य प्रणाली और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा। बयान में कहा गया है कि भारत, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक मुख्य प्रोटीज और आरएनए प्रतिकृतियों के खिलाफ सीसा यौगिकों के पुनर्निमाण, उस एंजाइम जो एसएआरएस-सीओवी-2 के आरएनए की प्रतिकृति को उत्प्रेरित करता है के सत्यापन और संश्लेषण के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस अध्ययन में कोशिकाओं में संक्रमण के दौरान वायरस की परिपक्वता और प्रसार दोनों को बाधित करने और कोविड की नई दवाओं के उत्पादन में मदद मिलेगी। बता दें कि डब्ल्यूएचो द्वारा कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किए जाने के कुछ महीने बाद सार्स-कोव-2 का प्रकोप देखने को मिला था। वैज्ञानिक कोरोना से संबंधित जैव रासायनिक प्रक्रियाओं की परख भी करेंगे। इस शोध में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग भी मदद करेगा, ताकि कोविड-19 संकट का समाधान किया जा सके।