19 Apr 2024, 10:02:51 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

राष्ट्रीय एमनेस्टी भीमा कोरेगांव भीमा कोरेगांव कार्यकर्ताओं को रिहा किया जाए : एमनेस्टी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 6 2020 10:40AM | Updated Date: Jun 6 2020 10:40AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कोरोना महामारी के मद्देनजर भीमा कोरेगांव घटना के मामले में  गिरफ्तार  11 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को फिलहाल रिहा करने और  उनके स्वास्थ्य की रक्षा करने की सरकार से मांग की है। गौरतलब है कि आज ही के दिन गत वर्ष सुरेंद्र गाडलिंग, रोना विल्सन, सुधीर धवाले, शोमा सेन और महेश राउत को पुणे पुलिस ने 2018 में भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने के लिए गिरफ्तार किया था। उसके बाद से छह अन्य कार्यकर्ताओं - सुधा भारद्वाज, वरवारा राव, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंसाल्वेस, आनंद तेलतुम्बडे और गौतम नवलखा को भी इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।

एमनेस्टी ने शनिवार को यहां जारी विज्ञप्ति में कहा कि ये  सभी 11 कार्यकर्ता दलितों और आदिवासियों सहित भारत के अत्यंत हाशिये के लोगों के अधिकारों की रक्षा हेतु अपने अथक कार्य के लिए जाने जाते हैं। एमनेस्टी इंडिया के कार्यकारी निदेशक अविनाश कुमार ने कहा , ‘‘पिछले दो वर्ष से इन कार्यकर्ताओं को जिस पीड़ा से गुज़रना पड़ा है, वह इस बात का सबूत है कि कानूनी प्रक्रिया ही सजा सामान होती है। इसका सबूत एक जेल से दूसरी जेल में स्थानांतरित किया जाना,  पुणे पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जांच  सौंपा जाना सरकार तथा मीडिया द्वारा इन कार्यकर्ताओं पर ‘देशद्रोही’ होने का आरोप लगाकर इन्हें बदनाम करने का अभियान चलाया जाना है।’’

कुमार ने कहा, ‘‘अब जब कोविड-19 महामारी देश भर में खतरनाक रफ्तार से फैल रही है और भारत सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या में विश्व स्तर पर पांचवें स्थान पर है, उस वक्त इन कार्यकर्ताओं को, सिर्फ अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए, विचाराधीन कैदियों के रूप में अत्यधिक भीड़ वाले जेलों में रखा जा रहा है। यह उत्पीड़न बंद होना चाहिए। इन 11 कार्यकर्ताओं की रिहाई पर तुरंत विचार किया जाना चाहिए।’’ पिछले दो वर्षों में बार-बार जमानत नामंज़ूर होने के बाद, नौ पुरुष कार्यकर्ताओं को फिलहाल तलोजा सेंट्रल जेल में रखा गया है, जबकि सुधा भारद्वाज और शोमा सेन को मुंबई, महाराष्ट्र में भायखला महिला जेल में रखा गया है।

महाराष्ट्र की जेलों में, कोविड-19 से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गयी है और 200 कैदी संक्रमित हुए हैं, जो देश के अन्य सभी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है। पिछले एक महीने में तलोजा सेंट्रल जेल में कोविड-19 से कम से कम एक कैदी की मौत हुई है, जबकि भायखला महिला जेल में एक चिकित्सा अधिकारी और एक अन्य कैदी को वायरस से संक्रमित पाया गया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया सभी 11 कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित है, जिनमें से अधिकांश अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ति हैं। इन 11 में से पांच वृद्ध व्यक्ति हैं। इन दोनों अवस्थाओं के रहते, कोविड-19 संक्रमण होने पर गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जेल में रखा जाना इन कार्यकर्ताओं को कोविड-19 संक्रमण के और ज़्यादा जोखिम में डालता है।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »